कोर्ट और एसपी के आदेश से बेपरवाह दारोगा का वेतन रुका

सख्ती

- सीजेएम ने प्रोग्रेस रिपोर्ट और स्पष्टीकरण के बाद की कार्रवाई
- ट्रेजरी को भेजी गई न्यायालय से वेतन रोकने की चिट्ठी
संवाद सहयोगी, जमुई : जमुई आदर्श थाना के एक दारोगा के गैर आदर्श रवैये पर नाराज सीजेएम मनोज कुमार श्रीवास्तव ने वेतन रोकने का आदेश जारी कर इसकी चिट्ठी डीजीपी समेत डीआइजी और एसपी को भेजने का आदेश दिया है। मामला यह है कि 2017 में एक अधिवक्ता ने डुंडो गांव के रामचंद्र सिंह पर जमीन का एग्रीमेंट कर लाखों रुपये ठग लेने का केस जमुई थाने में दर्ज कराया था।

इस मामले में रामचंद्र सिंह की जमानत अर्जी एडीजे प्रथम जमुई तथा उच्च न्यायालय से भी खारिज हो गया। फिर भी गिरफ्तारी में उदासीनता बरते जाने के बाद सीजेएम मनोज कुमार श्रीवास्तव ने जांचकर्ता पुलिस पदाधिकारी और जमुई थाने के दारोगा से केस की प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी। कई तिथि के बाद भी प्रोग्रेस रिपोर्ट पर बेपरवाह दारोगा ने सीजेएम न्यायालय को कोई जवाब नहीं दिया। इस पर सीजेएम ने दारोगा को शोकाउज नोटिस जारी करते हुए एसपी को भी इसकी सूचना भेजी। शोकाउज नोटिस पर भी कई तिथि में जब दारोगा ने कोर्ट के आदेश पर कोई नोटिस नहीं लिया तब दारोगा का वेतन रोकने का सख्त आदेश जारी करते हुए इसकी सूचना एसपी समेत डीजीपी को भेज दी गई है। केस दर्ज कराने वाले अधिवक्ता ने बताया कि उन्होंने पुलिस से कार्रवाई के लिए पूर्व एसपी प्रमोद कुमार मंडल और वर्तमान एसपी आवेदन दिया था। उनके आवेदन पर दोनों एसपी ने थानेदार और जांचकर्ता पुलिस अधिकारी को त्वरित कार्रवाई के निर्देश भी दिए थे परंतु दारोगा का मनोबल तो देखिए कोर्ट और एसपी के आदेश को भी नहीं माना।

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