रक्सौल हवाई अड्डा को क्रियाशील बनाने की कवायद तेज

मोतिहारी। रक्सौल हवाई अड्डे को आपरेशनल बनाए जाने को लेकर प्रवर्तन निदेशालय एयरपोर्ट आथोरिटी आफ इंडिया ने संभावना जताई है। सीमावर्ती एयरपोर्ट को शुरू करने को लेकर दैनिक जागरण ने लगातार खबर प्रकाशित किया है। विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा ने हाल ही में विधानसभा में एयरपोर्ट शुरू करने को लेकर सवाल उठाया था। डा. स्वयंभू शलभ ने संबंधित विभाग को पत्र दिया था। जिसके संबंध में 4 मार्च को बताया है कि भविष्य में किसी भी एयरलाइन द्वारा रक्सौल को जोड़ने वाले मार्गों के लिए बोली प्रस्तुत करते ही उस पर क्षेत्रीय कनेक्टिविटी स्कीम (आरसीएस) के प्रावधानों के अनुसार विचार किया जाएगा। रक्सौल हवाई अड्डा क्षेत्रीय कनेक्टिविटी स्कीम (आरसीएस) दस्तावेज में असेवित हवाई अड्डों की सूची में उपलब्ध है। किसी भी एयरलाइन/बोलीदाता ने रक्सौल हवाई पट्टी से आरसीएस उड़ान संचालित करने का प्रस्ताव अभी तक प्रस्तुत नहीं किया है। आगे बताया गया है कि आरसीएस उड़ान के तहत एसएओ (चयनित एयरलाइन ऑपरेटर) को वैध बोली और अवार्ड के माध्यम से असेवित और कम सेवा वाले हवाई अड्डों का पुनरुद्धार / उन्नयन इसकी पहचान पर किया जाएगा। विदित है कि रक्सौल एयरपोर्ट को फंक्शनल बनाए जाने को लेकर डा. शलभ ने पीएमओ को भेजी गई अपील के आलोक में एयरपोर्ट आथोरिटी आफ इंडिया द्वारा अब तक तीन बार इस एयरपोर्ट की स्टेटस रिपोर्ट पीएमओ को सौंपी दी गई है। नागर विमानन मंत्रालय (भारत सरकार) के राज्यमंत्री जनरल डा. वीके सिंह की राय भी इस हवाई अड्डे को लेकर सकारात्मक है। उन्होंने भी गत 17 अगस्त 2021 को भेजे मेल संदेश में कहा था कि हमारा प्रयास है कि रक्सौल जैसे हवाई अड्डे क्रियाशील हों परंतु इसके लिए धैर्य की आवश्यकता है। मुझे विश्वास है कि जनता की उत्साहव‌र्द्धक प्रतिक्रिया से हवाई कंपनियां ऐसे हवाई अड्डों से सेवा आरंभ करने में रुचि दिखाएंगी।


इस कड़ी में 'पीएम पैकेज बिहार- 2015' में आवंटित 250 करोड़ की राशि का उपयोग रक्सौल एयरपोर्ट के विकास में किए जाने और एयरपोर्ट आथोरिटी आफ इंडिया द्वारा 121 एकड़ की अतिरिक्त भूमि के आवंटन की मांग जो बिहार सरकार से की गई उसे यथाशीघ्र उपलब्ध कराए जाने हेतु मुख्यमंत्री के साथ लगातार पत्राचार किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसे गृह सचिव, कैबिनेट सचिव, मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव (संसदीय कार्य) को भेजा है।

अन्य समाचार