हत्या के मामले में आजीवन कारावास व जुर्माने की सजा

- सजायाफ्ता पर अलग-अलग समय में मृतक के चाचा, चाची, भाई, भाभी एवं भतीजी की भी हत्या का है आरोप जासं, बेगूसराय : बेगूसराय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रभात कुमार त्रिवेदी ने हत्या के आरोपित को अभियोजन साक्ष्य के आधार पर भारतीय दंड विधान की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास व 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। साथ ही आ‌र्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत तीन वर्ष एवं तीन हजार रुपये अर्थदंड अदा करने का आदेश दिया है।

जानकारी के अनुसार, मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मचहा गांव निवासी विकास कुमार पर ग्रामीण अरुण सिंह की हत्या करने का आरोप है। इसी मामले में न्यायाधीश ने आरोपित को उपरोक्त सजा सुनाई है।

बताते चलें कि 18 नवंबर 2012 की सुबह छह बजे जब अरुण सिंह अपने दरवाजे पर बैठकर मुंह धो रहे थे, उसी समय सजा पाए विकास सिंह ने गोली मार दी थी। इस घटना को लेकर मृतक की मां विजयलक्ष्मी देवी ने स्थानीय थाने में मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने अनुसंधान के बाद आरोपित के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र समर्पित किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक विभूति चंद्र झा ने छह गवाहों का बयान न्यायाधीश के समक्ष कलमबंद कराया। प्रस्तुत अभियोजन साक्ष्य के आधार पर न्यायाधीश ने आरोपित विकास कुमार को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास व 10 हजार रुपये अर्थदंड तथा आ‌र्म्स एक्ट के तहत तीन वर्ष एवं तीन हजार रुपये अर्थदंड अदा करने का आदेश दिया है।
विदित हो कि इस वारदात के उपरांत सजा पाए आरोपित विकास सिंह ने मृतक अरुण सिंह के चाचा, चाची, भाभी और भतीजी की अलग-अलग तिथियों में हत्या कर दी थी। मामले में अलग-अलग कांड उनके खिलाफ दर्ज कराया गया जो व्यवहार न्यायालय के विभिन्न सत्र न्यायालय में विचारण के लिए लंबित है।

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