जीविका के माध्यम से आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं

संवाद सूत्र, पुरैनी (मधेपुरा) : जीविका से जुड़ी महिलाएं विभिन्न प्रकार का प्रशिक्षण लेकर खुद के स्तर से रोजगार का सृजन कर आत्मनिर्भर बनने की ओर मजबूती के साथ अपना कदम बढ़ाने लगी है। नारी शक्ति जीविका महिला संकुल स्तरीय संघ पुरैनी से जुड़े कोयला टोला के पूनम कुमारी ने अपने लगन व मेहनत के बलबूते गरीबी को कोसों दूर कर अब आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा चुकी हैं।

पूनम कुमारी बताती हैं कि जीविका के माध्यम से उसने मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षण के उपरांत अपने आवासीय परिसर के दो कमरे लगभग 300 वर्ग फुट में ही मशरूम उत्पादन का कार्य शुरू किया। घर-गृहस्थी के कार्यों को प्रत्येक दिन समय से निपटाने के अलावा मशरूम उत्पादन कार्य में नियमित रूप से जुट गई। पहली बार जब मशरूम का उत्पादन हुआ तो इसमें लगाए गए पूंजी निकलने के अलावा उसे कोई मुनाफा नहीं हुआ। फिर भी उसने हिम्मत नहीं हारी। बल्कि वह बेहद खुश थी कि उसने प्रथम प्रयास में ही लगाए गए पूंजी के लायक मशरूम का उत्पादन कर लिया। बाद में बुलंद हौसले के साथ पूरी सावधानी के साथ कृषि विशेषज्ञों से समय-समय पर सलाह लेकर उत्पादन कार्य में लगी रही। दूसरे प्रयास में परिणाम काफी संतोष जनक रहा। फिलहाल मशरूम का औसत उत्पादन काफी बेहतर हो रहा है। पूनम कुमारी ने बताया कि पहली बार उसने 25 बैग बटन मशरूम व 20 बैग वेस्टर मशरूम के किस्म से उत्पादन कार्य शुरू की थी। बटन मशरूम के लगाए गए 25 बैग का परिणाम काफी निराशाजनक रहा। जबकि वेस्टर मशरूम का उत्पादन काफी अच्छा रहा। फिलहाल 20 से 25 दिनों के अंतराल पर प्रति बैग एक से डेढ़ किलो मशरूम का उत्पादन हो रहा है। उत्पादित मशरूम की बिक्री वह दो सौ रुपये प्रति किलो की दर से विभिन्न जीविका संघ के माध्यम से करती हैं।

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