बाढ़ में ध्वस्त हुए पुल का निर्माण नहीं होने से आवाजाही में परेशानी

संवाद सूत्र, कुमारखंड (मधेपुरा) : 2008 में आए बाढ़ के दौरान ध्वस्त हुए पुलों का निर्माण अभी तक नहीं हो सका है। जानकारी के अनुसार वर्ष 2008 में आए प्रलयंकारी बाढ़ के दौरान प्रखंड के गोरधुआ धार समेत सुरसर एवं बधला नदी में बने पुल और सड़कें पुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी। क्षतिग्रस्त पुल तथा सड़कों का निर्माण कार्य बाढ़ के 14 वर्ष बीत जाने के बाद भी नहीं हो सका है। इसे लेकर पुरैनी और टेंगराहा परिहारी पंचायत वर्षों से दो भागों में विभक्त है। पुरैनी पंचायत के मध्य से गुजरने वाली गोरधुआ धार में सरहद और कररिया के बीच पूर्व मुखिया मु. जलाल के घर के समीप तथा बधला नदी में टेंगराहा एवं परिहारी के बीच बने पुल तथा टेंगराहा परिहारी के सुरसर नदी में परिहारी मछहा के बीच बने पुल एवं सड़क ध्वस्त हो गया था। क्षेत्र के लोगों को मूलभुत सुविधा मुहैया कराने एवं बेहतर कोसी निर्माण कराने का सरकारी वादा हवाहवाई साबित हो रहा है। विधायक हो या सांसद या फिर ग्राम पंचायत के मुखिया किसी ने टूटे पुल एवं ध्वस्त सड़कों के निर्माण पर ध्यान नहीं दिया। जबकि प्रखंड के कई पंचायतों को जोड़ते हुए यह सडक बाबा नगरी सिंहेश्वर धाम पहुंचती है। गोरधुआ धार पुल के टूटने से बरसात के मौसम में पुरैनी पंचायत के आधी आबादी को रामनगर महेश एवं परमानंदपुर पंचायत के रास्ते धुम कर पंचायत मुख्यालय जाने की लाचारी बनी हुई है। इसी तरह सुरसर नदी में परिहारी से मचहा आने वाली सड़क और पुल ध्वस्त होने से रौता और रानीपट्टी का सीधा संपर्क खत्म है। टेंगराहा परिहारी के बधला नदी में बने पुल के ध्वस्त हो जाने से शंकरपुर प्रखंड के साथ ही पंचायत का वार्ड संख्या 11 पंचायत से कट चुका है।


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