सहरसा के शातिर काजल की हत्या मामले में दूसरे दिन भी दर्ज नहीं हुई प्राथमिकी

दरभंगा। सहरसा जिले शातिर काजल यादव उर्फ कंपनी की हत्या मामले में दूसरे दिन भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। मामले को लेकर काजल के स्वजनों ने कोई आवेदन नहीं दिया है। इससे तिलकेश्वर ओपी के बुढि़या सुकराती गांव में दहशत का माहौल है। गैंगवार होनेी की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, घटना को देखते हुए पुलिस अलर्ट हो गई है। लगातार छापेमारी की जा रही है। इसमें सहरसा पुलिस से भी मदद ली गई है। दोनों जिले की पुलिस सीमावर्ती क्षेत्र में संयुक्त अभियान चलाकर बदमाशों की खोज तेज कर दी है। बिरौल एसडीपीओ मनीष चंद्र चौधरी ने बताया कि हर पहलुओं पर जांच की जा रही है। तेजी से कार्रवाई की जा रही है। बता दें कि सहरसा जिले के महिषी प्रखंड के लगातार दो बार से रह रहे उप प्रमुख सरस्वती देवी के पति व शातिर काजल यादव उर्फ कंपनी की मंगलवार को तिलकेश्वर ओपी के बुढि़या सुकराती गांव में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कोशी के दियारा क्षेत्र में काजल का अपना राज चलता था। बताया जाता है कि उसकी दुश्मनी पंकज यादव से थी। घटना में उसके गिरोह का हाथ है अथवा नहीं यह पुलिस जांच और प्राथमिकी दर्ज होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। बहरहाल, लोग भयाक्रांत हैं। दरअसल, इससे पूर्व 21 नवंबर 2019 को काजल के पिता व पूर्व मुखिया सत्तो यादव की तिलकेश्वर ओपी क्षेत्र के सुखरित घोरा गांव में हत्या कर दी गई थी। सत्तो यादव ट्रैक्टर से खेत जोत रहे थे। इसी बीच घुड़सवार बदमाशों ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी। सत्तो का भी आपराधिक इतिहास है। बाद में काजल ने अपने पिता के विरासत को संभाल लिया। दरभंगा सहित सीमावर्ती क्षेत्र खगड़िया और सहरसा के दियारा में वर्चस्व की लड़ाई को लेकर लगातार बंदूक गरजती है। इस बार यह और तेज होने की बात कही जा रही है। ओपी प्रभारी अजीत कुमार ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज करने के लिए काजल के स्वजनों से संपर्क किया गया है। छापेमारी की जा रही है। --


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