बक्सर-मोहनियां एनएच सड़क निर्माण की टेंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में

संवाद सूत्र, रामगढ़ : बक्सर मोहनियां नेशनल हाइवे सड़क निर्माण के लिए टेंडर की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। एक सप्ताह में इस एनएच 319 के निर्माण के लिए टेंडर खुलते ही कार्य शुरू करने के लिए फाइनल मुहर लग जाएगी। इसी के साथ सड़क निर्माण के कार्य के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग को इसकी रिपोर्ट भेज दी जाएगी। इसके बाद एजेंसी द्वारा कार्य शुरू करने से पहले सड़क से सभी अवरोधक हटाने का कार्य किया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा इस बड़े प्रोजेक्ट की मंजूरी मिलते ही बक्सर चौसा मोहनियां पथ के निर्माण के लिए टेंडर का कार्य संपन्न होने की स्थिति में पहुंच गया है। माना जा रहा है कि चालू वित्तीय वर्ष के अप्रैल-जून तक सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। इसके लिए कोई एलाइनमेंट चेंज होने की संभावना नहीं दिख रही है। इस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलते ही इस पथ से जुड़े लोगों के विकास के रास्ते भी खुल जाएंगे। साथ ही इस महत्वपूर्ण मार्ग के बनने से दो जिलों के साथ दो प्रदेशों का दिल जुड़ जाएगा। इस नेशनल हाइवे सड़क के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य भी प्रारंभ हो गया है। नेशनल हाइवे 319 ए के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए भू-अर्जन विभाग ने भूमि सत्यापित कर एनएचए को सौंप दिया है। दो जिलों को जोड़ने वाली इस महत्वपूर्ण पथ के निर्माण से रामगढ़ बाजार की भौगोलिक स्थिति में थोड़ा बहुत बदलाव होना तय माना जा रहा है। यहां रामगढ़ गोड़सरा व बंदीपुर तीनों मौजा से गुजरने वाली सड़क के लिए पर्याप्त भूमि होने के बावजूद कुछ मकान जमींदोज होंगे। इसके लिए लोगों को नोटिस जा भी सकती है। भू अर्जन व एनएच के अधिकारियों का दल वस्तु स्थिति से एक बार अवगत होगा। तीनों मौजा से अधिग्रहित होने वाली भूमि के स्वामित्व को रिपोर्ट आते ही भू-अर्जन विभाग द्वारा नोटिस का तामिला कराया जा सकता है। इसके बाद नेशनल हाइवे सड़क का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। जिन लोगों की भूमि सड़क निर्माण में अधिग्रहित होगी उन्हें मार्केट वैल्यू के हिसाब से मुआवजा स्वामित्व को मिलना चाहिए। ताकि उन्हें घर मकान टूटने का मलाल नहीं रहेगा। हालांकि इस तरह का मुआवजा नहीं मिलने का प्रावधान नेशनल हाइवे अथॉरिटी द्वारा की जा रही है। उन्हें सर्किल रेट पर मुआवजा देने की बात कही जा रही है। जिससे लोगों को काफी नुकसान होने का अंदेशा बना हुआ है। 45 किलोमीटर लंबी इस सड़क को 10 मीटर पीच व छह मीटर फ्लैंक के साथ 16 मीटर चौड़ी सड़क की रुपरेखा बनेगी। इसके बाद बाजार में नाला निर्माण भी होना है। इसको लेकर एनएच व भू-अर्जन विभाग एक एक बिदुओं पर चर्चा कर आगे की कार्रवाई कर रहा है। इस राष्ट्रीय राजमार्ग के बनने से राजधानी व महानगर का सफर सुहाना हो जाएगा। अब इस पथ पर दिन रात वाहनों का परिचालन भी शुरू हो जाएगा। विकास के साथ-साथ लोगों को कई रोजगार भी मिलेगा। रामगढ़ में बाइपास सड़क बनाने के पूर्व के प्रस्ताव के खारिज होने से बाजार के रास्ते सड़क के निकलने का मार्ग भी प्रशस्त हो गया है। इसके लिए फाइनल प्रोजेक्ट की स्वीकृति प्रदान हो गई है।


बक्सर मोहनियां के बीच पांच पुलों का होगा निर्माण:
नेशनल हाइवे सड़क निर्माण के दौरान इस मार्ग में पांच नया पुल का भी निर्माण होगा। बक्सर मोहनियां पथ के इस नेशनल हाइवे मार्ग को लंबे समय तक सुचारू रखने के लिए इसमें पड़ने वाली पांचों नदियों में बड़ा पुलिया का निर्माण होगा। जिसमें पनसेरवां व अकोढ़ी दुर्गावती नदी, नुआंव के पजरांव धर्मावती तथा चौसा के पास गोरिया व बक्सर के पास नदी शामिल है। इन सभी नदियों में नई तकनीक के आधार पर पुल बनना है। जिसकी चौड़ाई 10 मीटर होगी। इसके अलावा अन्य छोटी पुलिया भी बनेगी
क्या कहते हैं पदाधिकारी-
बक्सर मोहनियां नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट की मंजूरी मिल गई है। टेंडर की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। मई जून तक सड़क निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ होने का अनुमान है। इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर 427 करोड़ से अधिक राशि खर्च होगी। अधिग्रहित भूमि का मुआवजा भू स्वामी को सर्किल वैल्यू पर तीन गुना से अधिक दिए जाने का प्रावधान है।
संजीव चौधरी, कार्यपालक अभियंता, एनएच

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