28 को पापमोचनी एकादशी से त्योहारों की बहार होगी शुरू

गिरधारी अग्रवाल, बक्सर : 28 तारीख को पापमोचनी एकादशी से त्योहारों की बहार शुरू हो जाएगी। यह सिलसिला 16 अप्रैल को चैत्र की पूर्णिमा स्नान तक चलता रहेगा। 30 को शिवरात्रि और अगले महीने अप्रैल की पहली तारीख को स्नान दान की अमावस्या है। इसके दूसरे दिन से (02अप्रैल) सनातनियों का वासंतिक नवरात्र व्रत भी आरंभ हो जाएगा। खास बात यह है कि इस बार तिथि में कोई घट-बढ़ नहीं हो रही है।

तिथि क्षय नहीं होने से श्रीराम जन्मोत्सव (रामनवमी) 10 अप्रैल को मनाई जाएगी। सभी व्रती धर्मावलंबी बगैर किसी बाधा के दूसरे दिन दशमी को पारण कर सकते हैं। चैती छठ, वैशाखी स्नान जैसे महत्वपूर्ण त्योहार भी इसी 20-22 दिनों के अंदर पड़ रहे हैं। साथ ही साल 2022 के ग्रीष्मकालीन वैवाहिक लग्न के मुहूर्त भी 14 अप्रैल से प्रारंभ हो जाएंगे। - बक्सर से गुप्ताधाम यात्रा 28-29 को

आचार्यों ने बताया कि महीने की 30 तारीख को शिवरात्रि है और अमावस्या 01 अप्रैल को है। इसे लेकर गंगा स्नान व स्थानीय शिवालयों में विशेष पूजन के कार्य तो भक्तजन करेंगे ही। इस दिन गंगा के पवित्र जल से जलाभिषेक करने को लेकर कैमूर के पहाड़ी क्षेत्र अवस्थित बाबा गुप्ताधाम की यात्रा भी काफी संख्या में जिले को लोग करते हैं। इसके लिए 28-29 तारीख को विभिन्न वाहनों से कूच करेंगे। - 02 अप्रैल से नूतन वर्ष संवत 2079 आरंभ
अगले महीने की दो तारीख से वासंतिक नवरात्र आरंभ हो रहा है। इसी दिन से नया वर्ष (हिन्दू कैलेंडर विक्रम सम्वत 2079) भी प्रारंभ हो जाएगा। आचार्य अमरेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि नवरात्र में होने वाली महानिशा पूजा 09 तारीख (अष्टमी तिथि) को और इसके अगले दिन यानी 10 तारीख को रामनवमी की पूजा की जाएगी। - 14 तारीख को सत्तू-संक्रांति
प्रदेश की हिन्दू धार्मिक परम्परा में सत्तू संक्रांति (सतुआन) का बहुत बड़ा महत्व है। इस मौके पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु पवित्र गंगाजल में आस्था के साथ डुबकी लगाएंगे। इसके बाद पूजा-अर्चना कर लोग सत्तू, गुड़ और कच्चे आम को प्रसाद के रूप में ग्रहण करेंगे। आचार्य ने बताया कि इस दिन 10:30 बजे सूर्य मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे और इसी के साथ खरमास की समाप्ति भी हो जाएगी। इसके बाद से तिथिवार सभी मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे। - चैती छठ 07-08 अप्रैल को
साल में दो बार (चैत्र व कार्तिक मास) मनाया जाने वाला सूर्योपासना का अनुपम लोकआस्था का महापर्व चैती छठ पांच अप्रैल से नहाय-खाय के साथ प्रारंभ हो रहा है। दूसरे दिन 06 को खरना है। आचार्यों ने बताया कि पहला अ‌र्घ्य 07 तारीख की संध्या पहर (सूर्यास्त 6:13 बजे) डूबते सूर्यदेव को तथा अगले दिन 08 तारीख की सुबह उदय होते सूर्यदेव को (सूर्योदय 5:46 बजे) अ‌र्घ्य दिया जाएगा।

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