गेहूं की फसल में सुखेड़ा रोग का कहर, किसान परेशान

बक्सर : किसानों के खेत में लहलहा रही गेहूं का फसल अचानक कई जगहों पर बीच-बीच में सूखने लगी है। किसान इसे सुखेड़ा रोग बता रहे हैं। फसल तैयार होने से पहले लगे इस रोग से तय है कि गेहूं का उत्पादन क्षमता प्रभावित होगा। एक तरफ मौसम का तल्ख तेवर और पछिया हवा का प्रभाव में पहले से ही किसानों को मुश्किल में डाल रखा है। ऊपर से रोग के प्रभाव ने उत्पादन क्षमता प्रभावित होने का खतरा बढ़ा दिया है।

स्थानीय प्रखंड के नंदन, लाखनडिहरा, अमथुआ, अकालुपुर, ढकाइच, छतनवार आदि गांवों के बधार में तैयार गेहूं की फसल में इसका प्रभाव दिखने लगा है। किसान महेंद्र सिंह का कहना है कि पहले तो इसे मौसम की गर्मी तथा तेज पछुआ हवा का प्रभाव मानकर किसान चल रहे थे। रोग से निजात के लिए कई किसानों ने खेतों का पटवन शुरू कर दिया। किसान बदन सिंह का कहना है कि पटवन से रोग का रफ्तार जरूर कम हुआ लेकिन खेत में तैयार फसल के बीच बीच में कई जगहों पर फसल सूखने से किसान चिता में पड़े हैं। क्योंकि सूखे फसल में गेहूं का दाना भी सूख जाने के चलते उत्पादन कम होने की प्रबल संभावना बढ़ गई है। सरकारी स्तर पर इस रोग से बचाव के लिए अब तक कोई प्रयास नहीं किया गया है। अलबत्ता किसान फसल के जड़ में पानी देकर बचाव का प्रयास जारी रखे हैं। यह प्रयास कितना कारगर होगा इसकी कहीं कोई गारंटी नहीं है। इस आलोक में कृषि कालेज के कृषि वैज्ञानिक डा. मनीष भूषण का कहना है कि किसी भी किसान की तरफ से इस रोग के संबंध में ना तो शिकायत की गई है और न हीं सलाह मांगी गई है। वैसे जांच के बाद ही पता करना संभव होगा कि फसल के सूखने की वजह क्या है।

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