कोणार्क नगर गांव पेयजल को लेकर हाहाकर

संवाद सहयोगी, राजगीर: गर्मी की शुरुआत में ही पारा 40 के पास पहुंच चुका है। पारा शिखर पर पहुंचते ही एक बार फिर चारों ओर पेयजल संकट गहराने लगी है। उम्मीद थी कि नल-जल योजना इस बार लोगों को पेयजल की समस्या से निजात दिला सकेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। राजगीर की यह तस्वीर पेयजल संकट को दर्शाने के लिए काफी है।

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तीन सौ लोगों की बस्ती में पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं
राजगीर का कोणार्क नगर गांव में पिछले कई दिनों से पेयजल के लिए हाहाकार मचा है। 90 घरों की इस बस्ती में तीन सौ से अधिक लोग रहते हैं। इतनी बड़ी संख्या की प्यास बुझाने के लिए एक पुराना कुआं है। वह भी सूख चुका है। ऐसे में गांव के लोगों को पयेजल के लिए दौड़ लगानी पड़ रही है। हालांकि नगर परिषद ने लोगों के लिए एक टैंकलारी की व्यवस्था की है। एक टैंकलारी से बात नहीं बनती। पेयजल के लिए सुबह से ही कतार लग जाती है। अधिकांश को बिना पानी ही वापस लौटना पड़ता है।

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जल-जीवन-हरियाली भी नहीं कर सका कुएं का जीर्णोद्धार
लोगों का कहना है कि एक कुआं के भरोसे पूरे गांव की जिदंगी टिकी थी। लेकिन वह भी अब सूख चुकी है। बताया गया कि पिछले 50 वर्षों में किसी ने भी कुंए का जीर्णोद्धार होते नहीं देखा। जल-जीवन-हरियाली योजना भी इस कुएं को संवार नहीं सकी।
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पथरीली भूमि होने के कारण बोरिग करना होता मुश्किल
वहीं ग्रामीणों ने बताया कि महिलाएं सुबह, दोपहर-शाम को बर्तन लेकर पेयजल का खाक छानते फिरती है। अब तो यह उनकी दिनचर्या में शामिल हो चुका है। मालूम हो कोणार्क नगर पहले पिलखी पंचायत के अधीन था। मगर इसे नगर परिषद में शामिल कर लिए गया। यह गांव वैभारगिरि पर्वत के तलहटी में बसा है। इस कारण इस गांव की भूमि अंदर से बेहद पथरीली है। संयोगवश हीं बोरिग सक्सेस हो पाता है। नगर परिषद द्वारा फिलहाल एक टैंकलारी पेयजल की आपूर्ति कराई जा रही है। वहीं पीएचईडी भी गांव में बोरिग तथा स्टेजिग कराकर पेयजल की आपूर्ति की व्यवस्था में लगा है।
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स्टेजिग प्रक्रिया से पानी लाने का किया जा रहा प्रयास
नगर परिषद के सिटी मैनेजर राजमणि गुप्ता ने बताया कि परिषद के सीमित संसाधनों के तहत अभी एक वाटर टैंकलारी पेयजल कोणार्क नगर में आपूर्ति कराई जा रही है। मगर स्थिति को देखते हुए एक और वाटर टैंकलारी को बढ़ाया जाएगा। वहीं लोक स्वास्थ्य अवर प्रमंडल राजगीर के कनीय अभियंता मनोज कुमार वर्मा ने बताया कि स्टेजिग कर बीते मंगलवार को मोटर अटैचमेंट किया गया है। ट्राई रन किया जा रहा है। पहाड़ी और पथरीली भूमि के कारण पानी अभी गंदा आ रहा है। एक दो दिनों में स्थिति सामान्य हो जाएगी।

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