शिवहर से पटना तक के सरकारी अस्पतालों ने नहीं किया भर्ती, चमकी से निजी अस्पताल में बच्चे की मौत

शिवहर। शिवहर के एक किशोर की शनिवार की सुबह पटना के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। स्वजनों के अनुसार बच्चे की मौत चमकी बुखार के कारण हुई है। मृतक के स्वजनों को निजी अस्पताल के चिकित्सक द्वारा मौत का कारण चमकी बुखार बताया गया। मृतक शिवहर नगर परिषद वार्ड 15 गणेशपुर टोला निवासी कमलेश पटेल का पुत्र आशीष कुमार (14) था। घटना के बाद मृतक के स्वजनों में आक्रोश है। हैरत की बात यह कि आशीष की मौत ने पूरे बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है। साथ ही सूबे की सरकार की एईएस को लेकर की गई तैयारी को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है। स्वजनों का कहना हैं कि किसी भी अस्पताल ने बच्चे का इलाज नहीं किया। रेफर दर रेफर करने की वजह से ससमय इलाज नहीं हो पाया। लिहाजा, निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। पटना के निजी अस्पताल ने भर्ती कर पैसे जमा करा लिए और शनिवार की सुबह बच्चे को मृत करार दिया। मामले को लेकर जदयू नेता हरिद्वार राय पटेल ने दुख जताया है। वहीं डीएम सज्जन राजशेखर को पूरे मामले की जानकारी देते हुए रेफर करने की चिकित्सकों की परंपरा पर रोक लगाने की मांग की है। साथ ही जिले के अस्पतालों में इलाज की समुचित व्यवस्था कराने की मांग की है। श्री पटेल ने कहा कि अगर बच्चे का ससमय इलाज हो जाता तो उसकी जान बच जाती। लेकिन सदर अस्पताल, एसकेएमसीएच व पीएमसीएच पटना समेत सभी अस्पतालों ने बच्चे को देखते ही रेफर कर दिया। यहां तक की आइजीआइएमएस ने भी भर्ती करने से इन्कार कर वापिस लौटा दिया। थक-हार कर स्वजनों ने बच्चे को निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उसकी मौत हो गई। उधर, सीएस डॉ. एसके झा ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। बताया कि वे खुद मामले को देख रहे हैं कि बच्चे को कब सदर अस्पताल लाया गया और कब रेफर किया गया। बच्चे को क्या शिकायत थी।


बताते चलें कि, शिवहर नगर परिषद वार्ड 15 गणेशपुर टोला निवासी कमलेश पटेल का पुत्र आशीष कुमार (14) को तेज बुखार और बेहोशी की स्थिति में 07 अप्रैल को सदर अस्पताल में लाया गया था। जहां चिकित्सक ने देखते ही एसकेएमसीएच रेफर कर दिया। स्वजन उसे लेकर एसकेएमसीएच पहुंचे। जहां से पीएमसीएच रेफर कर दिया गया। पीएमसीएच में बच्चे को भर्ती करने से इन्कार कर दिया गया। आइजीएमएस पटना ने भी बैरंग लौटा दिया। थक हार कर 08 अप्रैल को पटना के निजी अस्पताल ने बच्चे को भर्ती किया और शनिवार की सुबह उसकी मौत हो गई।

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