साग-सब्जी की बोआई के लिए मौसम अनुकूल, कम लागत में होगी अच्छी पैदावार

समस्तीपुर। सब्जियों के लिए अभी मौसम अनुकूल है। सब्जियों की बुवाई के लिए तापमान भी उपयुक्त है। तापमान उपयुक्त होने से सब्जियों का जमाव सही होगा व ग्रोथ भी अच्छी होगी। अप्रैल व मई में सब्जी की बुवाई के लिए जिले के किसानों ने तैयारी कर ली है। साग सब्जी की खेती करने वाले किसानों के लिए मार्च बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस महीने की मौसम को कई मुख्य सब्जी लगाने के लिए यह समय उपयुक्त माना जाता है। बाजार में अच्छे दाम मिल सके, इसलिए अप्रैल में कई सब्जियों की बुवाई की जाती है। अप्रैल में बुवाई की जाने वाली मुख्य भिडी, अदरक, टमाटर, मूली, ककड़ी व खीरा की बुवाई की जाती है। जबकि, मई में बैगन, ककड़ी, लौकी, शिमला मिर्च, करेला, अदरख व हल्दी की बुवाई की जाती है। जिले में इन सभी सब्जियों की खेती पर्याप्त मात्रा में की जाती है। इस तापमान में सब्जी लगाने के बाद तापमान बढ़ने से सब्जियों की ग्रोथ अच्छी होगी और उत्पादन बेहतर होगा। बीमारियों के लिए लाभदायक है करेला


करेला कई बीमारियों में लाभदायक माना जाता है। इसलिए इसकी मांग भी बाजार में हमेशा बनी रहती है। गर्मियों में तैयार होने वाली यह फसल बहुपयोगी है। लौकी मार्च की मुख्य सब्जियों में एक मानी जाती है। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट व खनिज लवण के अलावा पर्याप्त मात्रा में विटामिन पाए जाते हैं। बीज को लगाने से पहले 24 घंटे के लिए पानी में भिगोकर रखा जाता है। इस मौसम में सब्जियों में भिडी मुख्य सब्जी है। अगेती किस्म की बुवाई मार्च में की जाती है। बुवाई के 15-20 दिन बाद पहली निराई-गुड़ाई करना बहुत जरूरी है। आसानी से होती है ककड़ी बुवाई
अप्रैल में ककड़ी की बुवाई आसानी से की जाती है। नदी के समीप बांध किनारे अधिकतर इसकी बुवाई होती है। ककड़ी का सेवन कच्ची अवस्था में सलाद के रूप में किया जाता है। खीरा गर्मियों में सलाद का मुख्य अंश है। सलाद के रूप में इसे बेहद पसंद किया जाता है। इसका सेवन पानी की कमी को दूर करता है। गर्मी से बचाने में भी खीरा सहायक है। इसके अलावा खीरे की बुवाई की जाती है। किसान लें ड्रीप सिचाई योजना का लाभ
सहायक निदेशक उद्यान डा. श्रीकांत ने बताया कि जिले में इस बार तीन सौ हेक्टेयर में सब्जी की खेती का लक्ष्य है। सब्जी के लिए अनुदानित दर पर ड्रीप सिचाई योजना जारी है। किसान उद्यान विभाग से संपर्क कर इसका लाभ ले सकते हैं। सब्जियों की खेती करने के लिए किसानों को अनुदान की भी व्यवस्था है।

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