डीएम ने पंचायत सचिव सुरेश चन्द्र मांझी को किया निलंबित

कार्रवाई :

मधुबनी । शिक्षक नियोजन में गड़बड़ी करने के आरोपी पंचायत सचिव सह पंचायत नियोजन इकाई, तमुरिया (प्रखंड-लखनौर) के सचिव सुरेश चन्द्र मांझी को जिला पदाधिकारी अमित कुमार ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि के लिए मुख्यालय झंझारपुर अनुमंडल कार्यालय निर्धारित किया गया है। निलंबन की कार्रवाई के बाद विभागीय कार्यवाही भी चलाई जाएगी। इसके लिए डीएम ने लखनौर के बीडीओ को आदेश दिया है कि पंचायत सचिव सुरेश चन्द्र मांझी के विरुद्ध निर्धारित फार्मेट में आरोप पत्र-प्रपत्र-क का गठन कर एक सप्ताह के अंदर जिला पंचायत राज पदाधिकारी, मधुबनी के माध्यम से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। वहीं, डीएम ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी आदेश दिया है कि पंचायत नियोजन इकाई के अतिरिक्त प्रतिनियुक्त अन्य कर्मियों को चिह्नित करते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई का प्रस्ताव अविलंब उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

जिला पदाधिकारी ने जिला पंचायत राज पदाधिकारी को आदेश दिया है कि पंचायत सचिव सुरेश चन्द्र मांझी से संबंधित आरोप पत्र प्राप्त होते ही संचिका में उपस्थापित करें, ताकि विभागीय कार्यवाही प्रारंभ करने के लिए संचालन पदाधिकारी एवं प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी नामित किया जा सके।
गौरतलब है कि पंचायत शिक्षक नियोजन इकाई, तमुरिया के काउंसिलिग में बरती गई अनियमितता संबंधी परिवाद कौशल किशोर ने दाखिल किया था। इस परिवाद पत्र के आलोक में पंचायत नियोजन इकाई, तमुरिया द्वारा चयनित शिक्षक अभ्यर्थी के संबंध में डीईओ व बीडीओ ने डीएम को रिपोर्ट किया कि वीडियोग्राफी में प्रक्रियात्मक त्रुटि है और वीडियोग्राफी एडिट किया गया है। काउंसिलिग के दौरान अभ्यर्थियों का नाम पुकारने में नियमों का पालन नहीं किया गया। लेकिन, परिवाद पत्र के आलोक में डीडीसी द्वारा वीडियोग्राफी को देखने से ज्ञात हुआ कि परिवादी अभ्यर्थी कौशल कुमार का नाम पुकारा गया और उनका काउंसिलिग होता हुआ भी स्पष्ट दिखा। काउंसिलिग के उपरांत परिवादी अभ्यर्थी को प्राप्ति रसीद देते हुए भी वीडियोग्राफी में दिखा। इससे स्पष्ट हुआ कि चयनित उम्मीदवार मुकेश कुमार काउंसिलिग के समय अनुपस्थित थे। इस प्रकार मुकेश कुमार को काउंसिलिग में अनुपस्थित मानते हुए कौशल कुमार के चयन को स्वीकृत करने की अनुशंसा की गई। पंचायत सचिव द्वारा काउंसिलिग पंजी के साथ छेड़छाड़ भी किया गया। अंतिम मेधा सूची में शामिल अभ्यर्थियों के नाम पुकारने में भी गड़बड़ी की गई। इन्हीं सब मामलों में उक्त पंचायत सचिव को निलंबित किया गया है।

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