निगम की कई एकड़ भूमि पर नाजायज कब्जा

मोतिहारी। नगर निगम के पास कितनी जमीन है, इसका ठीक-ठीक लेखा-जोखा भी नहीं है। इसका फायदा उठाते हुए निगम की कई एकड़ जमीन पर नाजायज कब्जा है। ऐसी जानकारी मिलने पर नप प्रशासन ने अपनी जमीन की खोजबीन शुरू कर दी है। कुछ जमीन चिन्हित भी हुए हैं। उनके दखल-कब्जे की कार्रवाई प्रक्रिया में है। बताया गया है कि नगर परिषद की कितनी जमीन नगर में है इसका लेखाजोखा उसके पास नहीं है। संचिका नहीं होने से जमीन को अवैध रूप से लोगों ने कब्जा जमा लिया है, पर विभाग कुछ करने में असमर्थ है। जमीन के लेखाजोखा से संबंधित संचिका भी कार्यालय में नहीं है। निगम को खुद नहीं मालूम की उसके पास कितनी जमीन है। ऐसे में वह अपनी जमीन की सुरक्षा कर कैसे कर सकती है। वजह है निगम के भू-अभिलेखों का रहस्मय ढंग से गायब हो जाना। बताते है कि भूमाफियाओं से मिली भगत कर निगम कर्मियों ने प्रमाणिक भू अभिलेखों को ही कार्यालय से गायब कर दिया है। यह मामला तकरीबन दो दशक पूर्व का है। तब से अभी तक निगम प्रशासन ने गायब हो चुके अभिलेखों को खोजने की पहल तक नहीं की है। यही कारण है कि आज अधिकांश निगम की जमीन को माफियाओं ने बेंच डाला है। ------------------------ नगर निगम के पास ढाई सौ एकड़ से अधिक थी जमीन निगम के जानकार सूत्रों ने बताया है कि निगम के पास तकरीबन ढाई सौ एकड़ भूमि होनी चाहिए थी। अधिकांश जमीन पर दबंगों व माफियाओं का कब्जा है या बेंच दिया गया है। निगम के पास बची जो शेष भूमि है उसमें से कितनी जमीन का लीज कर दी गई है। इसका भी कोई प्रामाणिक दस्तावेज कार्यालय में नहीं होना हैरत की बात है। बताते हैं कि लीज की जमीन को भी बेंच दिया गया है। यह मामला कई बार पिछली निगम के बोर्ड की बैठकों में भी पार्षदों ने उठाया था।


------------------------------ यहां-यहां निगम की जमीन -हेनरी बाजार, मेन रोड, जमला, कुंआरी माई चौक, धर्मसमाज रोड, बढ़ई टोला रोड, मीना बाजार चौक, एमएस कालेज रोड में बंजरिया प्रखंड कार्यालय के समीप, हास्पीटल रोड, गांधी नगर, तेलियापट्टी, एसएनएस कॉलेज रोड, खुदानगर, मधुबन छावनी से ब्लाक रोड में। ---------------------------------- बची हुई जमीनों पर है अतिक्रमण नगर निगम के पास बची हुई अधिकांश जमीन अतिक्रमित है। कुछ जमीन पर मिलीभगत कर दुकान का निर्माण भी करा लिया गया है। इसका भी कोई अभिलेख कार्यालय के पास नहीं है। यदि जांच कराई जाए तो करोड़ों रुपये मूल्य की परिसंपत्तियों का खुलासा हो सकता है। यह भी पता चलेगा की इस खेल में निगम के कौन-कौन कर्मी शामिल हैं।

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