ऐतिहासिक हड़ताल को कभी भुलाया नहीं जा सकता



संवाद सूत्र, जमालपुर (मुंगेर) : पूर्व रेलवे मेंस यूनियन कारखाना शाखा जमालपुर कार्यालय में सोमवार आठ मई 1974 के रेलवे की ऐतिहासिक हड़ताल दिवस पर संगोष्ठी व परिचर्चा का आयोजन किया गया। सबसे पहले हड़ताल में शहीद मजदूरों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया व श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार ओझा ने की। मुख्य अतिथि केंद्रीय सहायक मंत्री कृष्ण देव यादव थे। कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि चार दशक पूर्व रेल कर्मियों के वेतन के सुधार महंगाई भत्ता व बोनस को लेकर आठ मई 1974 को हुई ऐतिहासिक हड़ताल से पूरे देश भर में खलबली मच गई। 20 दिनों तक चले आंदोलन के कारण रेल कर्मियों के साथ-साथ उनके परिवार को भी जेल जाने की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। संयुक्त सचिव कृष्णानंद विश्वास ने कहा कि 27 फरवरी 1974 को आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का एक राष्ट्रीय सम्मेलन किया गया। इसमें 13 सदस्य कमेटी एंड सीसीआरएस का गठन किया जाना था। युवा सचिव रणजीत कुमार सिंह ने कहा कि इस हड़ताल में शामिल सैकड़ों रेल कर्मियों को निलंबित और बर्खास्त कर दिया गया। कांग्रेस समर्थक रेल कर्मी हड़ताल को कमजोर करने के लिए काम करने लगे। उस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. मोरारजी देसाई, रेल मंत्री मधु दंडवते और उद्योग मंत्री जार्ज फर्नांडिस ने घोषणा किया कि रेल हड़ताल में सभी निलंबित और बर्खास्त रेल कर्मियों को फिर से बहाल किया जाए। वक्ताओं ने कहा कि इस हड़ताल को भुलाया नहीं जा सकता। इस मौके पर महिला संगठन की संयुक्त सचिव मधु कुमारी, मु. बहाउद्दीन, विश्वजीत कुमार, विपिन कुमार, परमानंद कुमार, गोपाल, मृणाल कांत, शिशिर कुमार, अर्जुन सिंह, राहुल, संजीव कुमार, अभिषेक कुमार, धर्मेंद्र कुमार, संतोष और अमित सहित दर्जनों रेल कर्मी उपस्थित थे।
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