तीन तलों का होगा विराट रामायण मंदिर, रामेश्वरम की दिखेगी छवि

मोतिहारी। पूर्वी चंपारण जिले के कल्याणपुर प्रखंड अंतर्गत कैथवलिया नामक स्थान पर बन रहे विराट रामायण मंदिर के अंदर रामेश्वरम की छवि दिखेगी। निर्माण में महाबलीपुरम मंदिर की शिल्पकला का असर दिखेगा।

महावीर मंदिर न्यास पटना के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि अयोध्या से जनकपुर के बीच स्वीकृत राम-जानकी पथ पर स्थित मंदिर निर्माण स्थल का नाम जानकीनगर रखा गया है। अयोध्या से जनकपुर आने-जाने के क्रम में श्रद्धालुओं के लिए विराट रामायण मंदिर भी बड़ा आकर्षण होगा। तीन तलों में बनने वाले इस मंदिर में सबसे बड़े शिखर (270 फीट) के नीचे श्रीराम की प्रतिमा पूजा की मुद्रा में होगी। उनके साथ लक्ष्मण भी होंगे। पूजन सामग्री देते हनुमान की प्रतिमा भी स्थापित होगी। भगवान राम के ठीक सामने विशाल शिवलिग होगा। सामने ही अशोक वाटिका में बैठीं माता सीता भी नजर आएंगी।

बनाए जाएंगे 15 शिखर : इस मंदिर के निर्माण में महाबलीपुरम मंदिर की शिल्पकला का असर दिखेगा। कुल 108 एकड़ में बनने वाले इस मंदिर की लंबाई 1080 फीट एवं चौड़ाई 540 फीट होगी। शिखरों की कुल संख्या 15 होगी। इनमें सबसे बड़ा शिखर 270 फीट ऊंचा होगा। चार ऐसे शिखर होंगे, जिनकी ऊंचाई 180-180 फीट होगी। एक शिखर 135 फीट ऊंचा होगा। छह शिखरों की ऊंचाई 108-108 फीट होगी।
गुरु विश्वामित्र, अहिल्या उद्धार, पंचवटी व सबरी का आश्रम बनेगा : तीन तलों वाले इस मंदिर में पहले तल की ऊंचाई 30 फीट तथा दूसरे व तीसरे तल की ऊंचाई 18-18 फीट होगी। पूरे परिसर में विभिन्न देवी-देवताओं के कुल 16 मंदिर होंगे। परिसर में हरियाली के बीच चार आश्रम भी नजर आएंगे। पहले आश्रम में गुरु विश्वामित्र राम और लक्ष्मण के साथ होंगे। दूसरे आश्रम में भगवान राम द्वारा अहिल्या के उद्धार को दर्शाया जाएगा। वहीं, तीसरे में पंचवटी तथा चौथा आश्रम सबरी का होगा।
आचार्य ने बताया कि मंदिर में विश्व का सबसे ऊंचा शिवलिग भी स्थापित होगा। शिवलिग की ऊंचाई व गोलाई 33-33 फीट तथा वजन दो सौ टन होगा। अब तक का सबसे बड़ा शिवलिग तमिलनाडु के तंजौर में 27.8 फीट ऊंचा स्थापित है।
-------------

अन्य समाचार