जानकी नवमी पर जानकी जन्मभूमि सीतामढ़ी में श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब

सीतामढ़ी। जानकी जन्मभूमि सीतामढ़ी में 10 मई को जानकी नवमी को लेकर लोगों में उत्साह अपने चरम पर है। जनक दुलारी जानकी सीतामढ़ी धाम में प्रकट हुईं थी। मठ-मंदिरों में पूरी तरह से उत्सव का माहौल बना हुआ है। मठ-मंदिरों व जगह-जगह माता सीता व प्रभु श्रीराम समेत अन्य देवी-देवताओं का मनमोहक श्रृंगार किया गया है। पूजन-अर्चन व भव्य आरती की जा रही है। जानकी जन्मोत्सव पर बधाई व सोहर गीत के साथ भजन-कीर्तन व स्तुति गान से पूरा वातावरण सीता मईया के रंग में रंग गया है। जानकी नवमी के दिन जनक दुलारी जानकी सीतामढ़ी धाम में प्रकट हुईं थी। ठीक 11 बजकर 55 मिनट पर माता जानकी का जन्म हुआ। कोरोना के बाद यह पहला अवसर है जब जानकी जन्मभूमि में माता जानकी की भव्यता के साथ उनका जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। सीता नगरी में जानकी जन्मोत्सव का उल्लास शिखर को छू रहा है। धन्य पुनौरा धाम सखी री जन्म लिए जहां जनक दुलारी..' गाकर श्रद्धालु झूम रहे हैं। जानकी नगरी में श्रद्धालुओं का रैला देखते ही बन रहा है। माता के जन्म के पल को निहारने की चाह में सीतामढ़ी व्याकुल है। कथा प्रवचन व धार्मिक अनुष्ठानों की गूंज से माहौल भक्ति रस में डूबा हुआ है। मठ- मंदिरों में उत्सव का माहौल है। अयोध्या, जनकपुरधाम के अलावा देश के विभिन्न तीर्थ स्थलों से साधु-संतों की टोली सीतामढ़ी पहुंच रही है। यहां 10 से 15 हजार बाहरी श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। उनके ठहरने के लिए मठ-मंदिरों के पास बने विवाह भवन और धर्मशालाओं में व्यवस्था की गई है। कुछ श्रद्धालु होटलों में भी ठहरे हैं। पुनौराधाम व जानकी स्थान की भव्य सजावट की गई है।


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अयोध्या सहित जनकपुरधाम व मिथिलांचल के विभिन्न जगहों से साधु-संतों का आगमन जानकी नवमी की सुबह से ही शोभायात्रा निकाली जाती है। डीजे और भक्ति गीतों की धुन पर निकलनेवाली शोभायात्रा में सभी केसरिया वस्त्र धारण किए रहते हैं। यह सबसे बड़ा आकर्षण होता है। इसमें 2100 से ज्यादा भक्त निशान के साथ चलेंगे। पुनौराधाम के महंत कौशल किशोर दास व जानकी स्थान के पुजारी त्रिभुवन दास ने बताया कि श्रद्धालु अपने-अपने घरों पर झांकी सजाते हैं, मंगलाचरण करते हैं और महिलाएं सोहर व बधाई गीत गाती हैं। इस प्रकार जानकी जी की महिमा का हर कोई गुणगान करता है। माता जानकी की जन्मस्थली सीतामढ़ी के पुनौराधाम से लेकर जानकी स्थान, पंथपाकड़ और भगवान श्रीराम की ससुराल पड़ोसी देश नेपाल के जनकपुर तक भव्य समारोह हो रहा है। इसमें अयोध्या सहित नेपाल के जनकपुरधाम व मिथिलांचल के विभिन्न जगहों से साधु-संत शामिल होते हैं। जन्मोत्सव में अयोध्या के साधु-संत भी पहुंच रहे हैं। श्री जानकी जन्मोत्सव आयोजन समिति की ओर से अयोध्या जाकर वहां के विभिन्न मठ-मंदिरों के महंतों को निमंत्रण दिया गया था।

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