ईश्वरीय साधना से मिलती है आत्मा को शांति : स्वामी कृपानंद

संवाद सूत्र, उदाकिशुनगंज (मधेपुरा)। अनुमंडल मुख्यालय के चौसा चौक पर दिव्य ज्योति जागृति संस्थान शाखा उदाकिशुनगंज के द्वारा एक दिवसीय सत्संग का आयोजन किया गया। इसमें सहरसा जिले के पंचगछिया संस्थान से आए संत स्वामी कृपानंद महाराज ने प्रवचन के माध्यम से सत्संग की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज व्यक्ति के अंदर ढेर सारी बुराइयां बढ़ गई हैं। इसके लिए मन के अंदर बसने वाले द्वेष को बाहर निकालना होगा। तब जाकर हमारे मन को शांति मिलेगी और समाज के अंदर सुख शांति होगी।

परम पूज्य आशुतोष महाराज के बताए रास्ते पर चलने के लिए हमें साधना करनी होगी। तभी ईश्वरीय दर्शन कर मन को शांति मिलेगी। आज देश और दुनिया में लोग एक दूसरे का दुश्मन हो गया है। जब जी चाहा तब लोगो को कत्ल कर दिया जाता है। लोगों के मन के अंदर इतनी विषमता बढ़ गई है कि इससे बाहर निकलने के लिए मन को स्वच्छ करने की जरूरत है। तभी हमारे समाज के अंदर सदभावना बढ़ेगी और ईष्र्या खत्म होगी। सत्संग मे संतो की अमृत वाणी श्रवण करने मात्र से ही हमारे अंदर की कुरीतिया दूर नहीं होगी। इसके लिए हमे उनके बताए मार्गो पर चलना होगा। चंदन माता ने अपने प्रवचन मे कहा कि सत्संग से लोगों का ज्ञान बढ़ता है। नित्य दिन ध्यान, स्तुति, विनती मात्र करने से मन को शांति मिलती है। सत्संग को सफल बनाने वालो में मुसहरू साह, रंजीत कुमार, उर्मिला देवी, रीता देवी, नेहा देवी, गुंजन देवी, स्वाति कुमारी, चंदा कुमारी, श्रवण कुमार, गोपी साह, सोनी कुमारी, मनीषा कुमारी, राजकुमार गुप्ता आदि का सराहनीय योगदान रहा।

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