बच्चों के दाखिले की राह में रोड़ा बना विद्यालय परिसर का विद्युत ट्रांसफार्मर

गोपालगंज : बैकुंठपुर प्रखंड मुख्यालय से करीब दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित हमीदपुर कुर्मी टोला गांव में नवसृजित प्राथमिक विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था में सबसे बड़ा रोड़ा इस परिसर में स्थित विद्युत ट्रांसफार्मर बना हुआ है। विद्युत ट्रांसफार्मर के खतरे के बीच प्रत्येक वर्ष विद्यालय में नामांकित बच्चों की संख्या घटती जा रही है। यह स्थिति तब है, जब विद्यालय में पांच-पांच शिक्षक पदस्थापित हैं।

आंकड़े बताते हैं कि दो वर्ष पूर्व इस विद्यालय में 110 छात्र-छात्राओं की संख्या थी, जबकि पिछले वर्ष यह घटकर सौ हो गई। इस वर्ष इस विद्यालय में छात्र-छात्राओं की संख्या घटकर 91 तक पहुंच गई है। शिक्षकों की अगर बात करें तो यहां दो वर्ष पूर्व दो शिक्षक ही कार्यरत थे, जबकि अब इस विद्यालय में पांच शिक्षक कार्यरत हैं। विद्यालय में लगातार बच्चों की घटती संख्या की पड़ताल के दौरान इस बात की जानकारी हुई कि बच्चे विद्युत ट्रांसफार्मर के कारण विद्यालय आने से कतराते हैं। अभिभावक भी अपने बच्चों को इस विद्यालय में भेजने से हिचकते हैं। करीब चौदह कट्ठा आम गैरमजरूआ जमीन में से आधे जमीन यानी सात कट्ठा में इस विद्यालय का निर्माण कराया गया है। करीब दो वर्ष पूर्व सात निश्चय योजना के तहत पंचायतों में कराए गए नल-जल योजना का कार्य इस विद्यालय के लिए फांस बन गया। पंचायत प्रतिनिधियों ने विद्यालय परिसर में विद्यालय भवन से सटे ही नलजल योजना की टंकी का निर्माण कराने का निर्णय लिया। हालांकि, विद्यालय प्रबंधन ने वहां टंकी का निर्माण कराए जाने पर असहमति जताई थी। विद्यालय प्रबंधन की एक नहीं चली तथा नियमों को ताक पर रखकर टंकी का निर्माण करवा दिया गया। टंकी के निर्माण में बरती गई भारी अनियमितता के कारण यहां विद्यालय परिसर में पानी का बहाव शुरू हो गया। कभी टंकी का फटना तो कभी पाइप के लीकेज की समस्या हमेशा बनी रहती है। पानी टंकी के बगल में ही विद्यालय का शौचालय है। ऐसे में शौच के लिए बच्चों को विद्यालय परिसर में फैले पानी को पार कर आने-जाने में काफी कठिनाई होती है। आए दिन बच्चे गिरते-पड़ते रहते हैं।

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गुहार के बाद भी नहीं हटाया गया ट्रांसफार्मर
विद्यालय भवन से सटे ही विद्युत ट्रांसफार्मर लगाया गया है। इसके बाद विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने इसे किसी अन्य जगह हटाए जाने की गुहार लगाई। इसके बाद भी ट्रांसफार्मर का स्थान नहीं बदला गया है। इस विद्युत ट्रांसफार्मर के आसपास हाई वोल्टेज विद्युत तार के कारण बच्चों का नामांकन विद्यालय में कराने से अभिभावक भी हिचक रहे हैं।
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विद्यालय परिसर में लगे नलजल योजना की पानी टंकी तथा विद्युत ट्रांसफार्मर बच्चों की संख्या को बढ़ाने में बाधक बन रहे हैं। अभिवावक अपने बच्चों को खौफ के साये में पठन-पाठन करवाने से कतराते हैं। इसका नतीजा है कि विद्यालय में बच्चों की संख्या काफी कम है।
मुकेश कुमार सिंह, प्रधानाध्यापक

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