54 सरकारी तालाबों का अस्तित्व खतरे में

अरिया के सिकटी प्रखंड में 54 सरकारी तालाबों का अस्तित्व खतरे में है। इनमें गाद भर चुकी है। अधिकांश तालाब अतिक्रमण की चपेट में हैं। इनमें कई ऐसे तालाब भी हैं, जो प्रशासनिक उदासीनता के कारण सूख चुके हैं। ठेंगापुर, दहगामा और कौआकोह पंचायत को छोड़ सभी पंचायतों में सरकारी तालाब मौजूद हैं। कई तालाबों की जमीन पर घर बना लिए गए हैं तो कुछ की जमीन पर अतिक्रमण कर दुकानें। कुछ पर किसान खेती-बारी भी कर रहे हैं। भिड़भिड़ी, डेरुआ, बरदाहा, कूचहा आदि पंचायतों में ऐसी हीं स्थिति है। वर्षों से ऐसी दुर्गति झेल रहे इन तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए कभी भी सरकारी स्तर पर कोई कदम नहीं उठाया गया है। कई तालाब फाइलों में ही हैं, स्थल पर दिखते तक नहीं है। सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों में किशमिश राय, सरदार गोरख सिंह, युगल गुप्ता, पप्पू कुमार, दीपक केसरी आदि ने बताया कि इन तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए सरकार को पहल करनी चाहिए।


जल स्त्रोतों को लेकर मजरख में समिति गठित: मुखिया संघ अध्यक्ष रमेश कुमार यादव ने बताया कि तालाबों के बचाव के लिए उनके द्वारा गांव में समिति बनाकर तालाबों के अस्तित्व को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
सिकटी सीओ वीरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि कुल तालाबों में से अधिकांश तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करा लिया गया है। शेष को जल्द ही मुक्त करा लिया जाएगा। तालाबों के जीर्णोद्धार की प्रक्रिया के तहत तेज गति से काम हो रहा है।
---क्या कहते हैं जिम्मेदार: मनरेगा पीओ सह बीडीओ राकेश कुमार ठाकुर ने बताया कि 09 सरकारी पोखर व 32 निजी पोखर पर काम किया गया हैं। इधर सात सरकारी पोखर पर सौंदर्यीकरण का कार्य जारी है। जिसमें प्रखंड क्षेत्र के मजरख में एक, भिड़भिड़ी में दो, पररिया में दो, बोकन्तरी में एक तथा दहगामा में एक पोखर शामिल है। अतिक्रमित सरकारी तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा।

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