शराब सेवन या गला घोंटने से हुई बाबूलाल की मौत, फंस गया पेच



शशिकांत कुमार, धरहरा (मुंगेर) : चार बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया। बाबूलाल मंडल अब इस दुनिया में नहीं रहा। कल तक धरहरा प्रखंड स्थित पचरुखी के जिस घर में खुशी का माहौल था, वहां गुरुवार को मातम पसरा रहा। घर से चीत्कार की आवाजें निकलती रही। बाबूलाल की मौत एक रहस्यमय बन गई है। कुछ लोग मौत की वजह जहरीली शराब का सेवन बता रहे हैं तो पत्नी और घरवाले गला घोंटकर हत्या किए जाने का आरोप दोस्त सूरज चौधरी पर लगा रहे हैं। बहरहाल, मौत की वजह का पर्दाफाश पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही होगा।
पुलिस हर एंगल से मामले की जांच कर रही है। पुलिस आरोपित दोस्त सूरज चौधरी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। बाबूलाल की पत्नी का सुनीता देवी का आरोप है कि पैसे की लालच में पहले पति को शराब पिलाई गई फिर गला घोंटकर हत्या कर दी गई। धरहरा थानाध्यक्ष रोहित कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस दोनों एंगल से जांच कर रही है।

ब्रह्मापुत्र मेल में यात्रियों को परोसता था भोजन बाबूलाल मंडल कामख्या से दिल्ली के बीच चल रही ब्रह्मापुत्र मेल में यात्रियों को भोजन परोसता था। ब्रह्मापुत्र मेल के पेंट्रीकार में काम करता था। बुधवार की शाम दिल्ली से पहुंची ब्रह्मापुत्र मेल से बाबूलाल आया था। पेंट्रीकार सुपरवाइजर को किऊल जंक्शन पर सारा हिसाब देने के बाद घर आया था। स्वजनों ने बताया कि 30 वर्षों से वह ट्रेन के पेंट्रीकार में काम कर रहा था। चार बच्चों में तीन की शादी बाबूलाल ने कर दी थी, एक बेटी अभी कुंवारी है। वह घर का इकलौता कमाने वाला सदस्य था। 30 वर्षो में कभी नहीं आई थी बाबूलाल की शिकायत धरहरा के पचरुखी का रहने वाला बाबूलाल मंडल ब्रह्मापुत्र मेल के पेंट्रीकार में वेंडर के तौर पर काम करता था। बाबूलाल की शिकायत 30 वर्षाें में कभी नहीं आई थी। यात्रियों से काफी घुलमिल गया था। ग्रामीणों की मानें तो बाबूलाल काफी मिलनसार व्यक्ति था, सिर्फ शराब पीने की लत थी। घटना के बाद घर में कोहराम मच गया। स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। आसपास पड़ोस के लोग पूरे दिन सांत्वना देने पहुंचते रहे। प्रखंड में बाबूलाल की मौत चर्चा का विषय बना हुआ है। शराब की अवैध रूप से हो रही बिक्री धरहरा प्रखंड में शराब की बिक्री अवैध रूप से हो रही है। आए दिन पहाड़ी और जंगली इलाकों में छापेमारी के दौरान शराब की अवैध भट्ठियों को ध्वस्त किया जा रहा है। इसके बाद भी शराब के अवैध धंधे से जुड़े तस्कर मानने को तैयार नहीं है। जिले में लाल पानी (शराब) का काला खेल शराबबंदी के बाद से ही अवैध रूप से फल-फूल रहा है। उत्पाद विभाग और संबंधित थानों की पुलिस को भी इस बात की भनक है कि किस-किस क्षेत्र में अवैध रूप से शराब की तस्करी और निर्माण हो रहा है। उत्पाद विभाग की ओर से कोरम पूरा करने के लिए कभी-कभी अभियान चलाया जाता है। सरकार का हंटर चला तो उत्पाद विभाग से लेकर पुलिस भी अलर्ट मोड में दिख रही है। कार्रवाई भी धड़ाधड़ हो रही है। इन इलाकों में चल रहा बेचने और बनाने का धंधा जिले के शहरी इलाके के किला परिसर, लल्लू पोखर, चुआ बाग, विदवारा, गुलजार पोखर, सफियाबाद, हसनगंज, इस्माइलपुर, गौरीपुर, हेरूदियारा, पूरवसराय, बसंती तालाब, शादीपुर, माधोपुर, लालदरवाजा के अलावा टीकारामपुर, तारापुर दियारा, मनियारचक, कटरिया, गढ़ीरामपुर, नौवागढ़ी उत्तरी, भगत चौकी, भैसाकोल, सारोबाग, बंग्लवा, धरहरा के पहाड़ी क्षेत्र, बरमन्नी, बरमसिया, जमालपुर के दौलतपुर, इस्ट कालोनी, खड़गपुर के आइबी रोड, पहाड़ी क्षेत्र, टेटिया बंबर का पहाड़ी इलाके में शराब बनाने और बेचने का अवैध धंधा चल रहा है।

अन्य समाचार