शेखपुरा में चार वर्षों में मात्र 17 प्रतिशत का बना स्मार्ट कार्ड

जागरण संवाददाता, शेखपुरा:

गरीबों को मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान करने वाले आयुष्मान भारत योजना का जिले में बुरा हाल है। सितंबर 2018 में शुरू हुई इस योजना के लगभग चार वर्ष बीतने को है और जिले में लक्षित लाभुकों में से मात्र 17 प्रतिशत लोगों को स्मार्ट कार्ड बन पाया है। जो कार्ड बना है उसमें से स्मार्ट कार्ड के माध्यम से मुफ्त इलाज कराने वालों की संख्या भी काफी कम है। विभाग से मिले आंकड़े के मुताबिक जिले में मात्र 55839 लोगों का स्मार्ट कार्ड बना है और इसमें से मात्र 1774 लोगों ने मुफ्त इलाज की सुविधा ली है। जिले में अभी तक कोई प्राइवेट अस्पताल को इस योजना से टैग नहीं किया जा सका है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बताते हैं कि सरकार द्वारा तय मानक पूरा नहीं करने की वजह से जिले के प्राइवेट अस्पताल इससे टैग नहीं हो पा रहे हैं। शेखपुरा के एक नर्सिंग होम के टैग होने की उम्मीद है। इसकी प्रक्रिया चल रही है।
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मात्र 17 फीसद को बना कार्ड-
प्रत्येक साल 5 लाख रुपया के मुफ्त इलाज वाली इस योजना के लाभ के लिए जिले में 328433 लोगों को चिह्नित किया गया है। चिह्नित सभी लोगों को स्मार्ट कार्ड बनाया जाना है, मगर चार वर्ष के बाद भी मात्र 55839 लोगों का कार्ड बना है, जो 17 फीसद है। चिह्नित लाभुकों में 273220 ग्रामीण और 55213 शहरी हैं। इसमें 46109 ग्रामीण और 9730 शहरी लोगों का कार्ड बना है। कार्ड बनाने की यह गति ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में एक समान है।
1774 लोगों ने लिया लाभ-
जिले के 55839 कार्ड धारियों में से मात्र 1774 लोगों ने अब तक मुफ्त इलाज की सुविधा ली है। इन लोगों के इलाज के बदले विभिन्न अस्पतालों में 1,70,29,313 रुपये का इलाज कराया है। योजना का लाभ लेने वाले जिले के 1653 लोगों ने बिहार के विभिन्न जिलों में इलाज कराया है, जिसमें 857 लोग शेखपुरा जिले में लाभ लिया है। इसके अलावे जिले के 121 लोगों ने बिहार से बाहर देश के विभिन्न राज्यों में स्मार्ट कार्ड के माध्यम से मुफ्त इलाज की सुविधा ली है।

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