अब थ्री नाट थ्री राइफल नहीं, एसएलआर चलाएंगे होमगार्ड जवान

दरभंगा। अब थ्री नाट थ्री राइफल नहीं, एसएलआर चलाएंगे होमगार्ड जवान। विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। होमगार्ड के जवान अब अत्याधुनिक संसाधनों से लैस होंगे। जिला समादेष्टा कार्यालय को बस, स्कार्पियो और बाइक भी मुहैया कराई जाएगी। इससे जवानों को ड्यूटी के अलावा घटना स्थल पर तत्काल पहुंचने में काफी मदद मिलेगी। अभी उन्हें जिला पुलिस के वाहनों अथवा वाहन कोषांग के तहत जब्त ट्रैक्टर व टेंपो पर निर्भर रहना पड़ता है। सरकार व विभाग ने बदलाव की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसके लिए जिला समादेष्टा कार्यालय से प्रस्ताव मांगा गया है। इसके तहत जिले में कितने जवान हैं, हाल के दिनों में कितने जवान सेवानिवृत हो रहे हैं, कितने जवान संवेदनशील जगहों पर तैनात हैं, अपराधियों से सामना के दौरान कितने जवान जख्मी हुए और कितनों की मौत हुई आदि की पूरी जानकारी मुख्यालय को दी गई है।


प्रमंडलीय समादेष्टा सह कमांडेट मनोज कुमार नट ने बताया कि होमगार्ड के जवानों को जल्द एसएलआर राइफल और पिस्टल से लैस कर दिया जाएगा। मुख्यालय के विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों में आर्मी के रिटायर्ड सूबेदार जवानों को प्रशिक्षित कर रहे हैं। इसमें दरभंगा, मधुबनी व समस्तीपुर के लगभग पांच सौ जवानों को बारी-बारी से प्रशिक्षण दिया गया है।
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28 दिनों का रिफ्रेशर कोर्स :
सुस्त, लचर वर्दीधारी के रूप में पहचाने जाने वाले होमगार्ड जवानों को अ‌र्द्धसैनिक बल और मिलिट्री की तर्ज पर कमांडो की ट्रेनिग दी जा रही है। बैंक सहित अति संवेदनशील जगहों पर कैसे ड्यूटी करेंगे इसके लिए इन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है। विहटा सहित विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों में जवान 28 दिनों का रिफ्रेशर कोर्स कर रहे हैं। हालांकि पूरी ट्रेनिग छह माह की है। उन्हें पिस्टल जैसे छोटे हथियार के साथ-साथ एसएलआर, इंसास जैसे हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जल्द ही होमगार्ड के जवान बिहार पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी जिम्मेदारियों को निभाएंगे।
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