चचरी पुल के सहारे नदी पाकर करने को ग्रामीण मजबूर

संवाद सूत्र, टेढ़ागाछ (किशनगंज) : प्रखंड के खानियाबाद व चिलहानिया, हवाकोल मटयारी, पंचायत के सूहिया व कनकई नदी आदि घाटों का नजारा काफी भिन्न है। यहां पर दो किलोमीटर के दायरे में कई चचरी पुल नदी पर नजर आएंगे। प्रखंड क्षेत्र के हाटगांव पंचायत के गोरिया घाट पर पुल नहीं बनने से ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। स्थानीय ग्रामीणों ने वर्षों से पुल निर्माण की मांग करते आ रहे हैं, पर आज तक ग्रामीणों को पुल नसीब नहीं हुआ है।

बताते चलें कि गोरिया धार के दोनों तरफ छह वर्ष पूर्व से ही प्रधानमंत्री सड़क बनकर तैयार है, पर आज तक गोरिया धार में पुल नहीं बन सका है, जिस कारण दर्जनों गांव के लोगों को आवाजाही में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। राहगीर लगभग छह महीने चचरी पुल से होकर आवागमन करते हैं। उसके बाद जान जोखिम में डालकर नाव की सवारी करते हैं। अगर गोरिया धार पर पुल बन जाता है तो बेरिया, चिचोरा, खानियाबाद, काशीवाड़ी, पिपरा, जरियाभिटटा, बीबीगंज, कालपीर, इत्यादि पंचायत के लोग प्रखंड मुख्यालय, जिला मुख्यालय से जुड़ जाएंगे। समाजसेवी जिला परिषद प्रतिनिधि अकमल समशी ने बताया कि जिस पंचायत में स्वतंत्रता सेनानी जहान अली मस्तान का जन्म हुआ हो उस पंचायत में एक पुल के लिए लोग आज भी तरस रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि सदियों से यह सिलसिला जारी है। साल के छह महीने इसी तरह से लोग चचरी पुल के सहारे जान जोखिम में डालकर सफर करते हैं, बाकी दिनों में जान हथेली पर रखकर नाव से नदी को पार करते हैं। जबकि सभी घाट राजस्व घाट है। सरकार टैक्स वसूल करने के बाद भी किसी तरह की राहगीरों को सुविधा तक नहीं देती है। इन सभी घाटों से अस्पताल पहुंचने में मरीजों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों ने विभाग से जल्द पुल निर्माण कराने की मांग की है, जिससे राहगीरों को आवाजाही में सहूलियत हो सके।

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