विशेषज्ञ चिकित्सक न टेक्नीशियन, बेकार पड़ा है आइसीयू का वेंटिलेटर



जागरण संवाददाता, मधेपुरा : सदर अस्पताल परिसर स्थित संचालित आइसीयू केवल दिखावा मात्र है। स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा आइसीयू तो खोल दिया गया है, लेकिन भर्ती होने वाले गंभीर मरीजों को इसकी सुविधा नहीं मिल रही है। आइसीयू के जिन भर्ती मरीज को वेंटिलेटर की जरूरत होती है उन मरीजों को यह कहकर उच्च स्वास्थ्य संस्थान रेफर कर दिया जाता है कि वेंटिलेटर संचालित करने वाला कोई विशेषज्ञ चिकित्सक व टेक्नीशियन पदस्थापित नहीं है। आइसीयू की इस व्यवस्था से लोगों में आक्रोश है। अस्पताल परिसर स्थित लाखों की लागत से खोला गया आइसीयू बेकार हो रहा है, जबकि आइसीयू की सुविधा से यहां भर्ती होने वाले गंभीर मरीजों को मिलना था। इससे इलाज में काफी सुविधा होती। यहां पहुंचने वाले मरीजों को बस रेफर कर दिया जाता है। ऐसी स्थिति में वेंटिलेटर की जरूरत वाले गंभीर मरीजों को बाहर ले जाने के क्रम में प्राय: रास्ते में ही मौत हो जाती है। कोट आइसीयू में वेंटिलेटर उपलब्ध तो है, लेकिन उसे संचालित करने के लिए एमडी एनेस्थेटिक उपलब्ध नहीं है। एमडी एनेस्थेटिक के पदस्थापन को लेकर विभाग को कई बार पत्र लिखा गया है। लेकिन अबतक पदस्थापित नहीं किया गया है। -डा. नवीन कुमार, प्रभारी अस्पताल उपाधीक्षक, सदर अस्पताल, मधेपुरा
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