सफाई पर दें ध्यान, नहीं होगी वेक्टर जनित बीमारी : सीएस

संवाद सहयोगी, मुंगेर : क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई के सभागार में वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम पर स्वास्थ्य विभाग और सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय मीडिया कार्यशाला आयोजित की गई। अतिथियों ने वेक्टर जनित छह बीमारियों पर चर्चा की कई। एईएस-जेई, डेंगू- चिकनगुनिया, कालाजार, फाइलेरिया और मलेरिया सहित अन्य रोगों के लक्षण और रोकथाम के प्रति लोगों को जागरूक करने पर जोर दिया गया। सिविल सर्जन डा. आनंद शंकर ने कहा वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पर रोकथाम व बचाव के लिए जागरुकता के साथ-साथ सतर्कता भी बेहद जरूरी है। जिले वासियों से कालाजार, फाइलेरिया, मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया से बचाव के लिए साफ-सफाई सहित अन्य सावधानियों का ख्याल रखने की अपील की। इन बीमारियों का कोई भी लक्षण दिखते ही जांच कराने की बात कही। सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क जांच की सुविधा उपलब्ध है। ऐसे मरीजों को सहायता राशि भी दी जाती है। मौके पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. अरविद कुमार सिंह, केयर इंडिया के डीपीओ मानस कुमार नायक, डीटीओएफ डॉ. नीलू, डब्ल्यूएचओ के पदाधिकारी सहित जिला मलेरिया कार्यालय के कई पदाधिकारी और प्रखण्ड स्तर और कार्यरत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और केयर इंडिया के अधिकारी उपस्थित थे।

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जागरूक रहना बेहद जरूरी
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. अरविद कुमार सिंह ने बताया कि वेक्टर जनित रोग से संबंधित सभी रोगों से बचाव के लिए जन- जागरुकता के साथ-साथ सतर्कता बेहद जरूरी है। इसी उद्देश्य से कार्यशाला का आयोजन किया गया है, ताकि सामुदायिक स्तर पर लोग बीमारी से बचाव के बारे में जागरूक हो सकें। अभी जिले में पीकेडीएल कालाजार (चमड़ा वाला) बीमारी से पीड़ित एक मरीज है। मलेरिया और डेंगू के एक भी केस एक्टिव नहीं है।
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- कालाजार का लक्षण :
- लगातार रुक-रुक कर या तेज के साथ बुखार आना।
- वजन में लगातार कमी होना और दुर्बलता।
- मक्खी के काटे हुए जगह पर घाव होना।
- व्यापक त्वचा घाव जो कुष्ठ रोग जैसा दिखता है।
- प्लीहा में नुकसान होता है।
- छिड़काव के दौरान इन बातों का रखें ख्याल :
- छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरूनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें।
- घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, एवं गोहाल के अन्दरूनी दीवारों पर छ: फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं। छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें।
- छिड़काव के पूर्व भोजन समाग्री, बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें।
- ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिसमें कीटनाशक (एसपी) का असर बना रहे।
- अपने क्षेत्र में कीटनाशक छिड़काव की तिथि की जानकारी आशा दीदी से प्राप्त करें।

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