मरातीपुर की घटना से लोगों के भीतर एकबार फिर ताजा हो गयी डकैती की पुरानी घटना

संसू, कुर्साकांटा (अररिया): कुर्साकांटा मरातीपुर में पिछले रविवार को घर में घुसकर अस्त्र-शस्त्र और लाठी डंटे से लैस कई अपराधियों ने जिस प्रकार घटना को अंजाम दिया। तीन दशकों के बाद लोगों को पुरानी यादें एकबार फिर से ताजा हो गयी है। लोग डकैती शब्द को ही भूलने लगे थे । आधुनिक दौर में बैंक लूट,रोड राबरी ,आदि की घटनाएं अक्सर घटित होती रही है । लेकिन जैसा पहले आर्थिक रूप से सम्पन्न घरानों को लक्ष्य बनाकर अपराधी अस्त्र शस्त्र से लैस होकर उनके घर पर धावा बोलकर लूटपाट करते थे वह घटित होना बंद हो चुका था। अगर गृहस्वामी इसका विरोध करते तो उनकी हत्या भी कर दी जाती थी। उस समय भी डकैती का मुख्य उद्देश्य लूटपाट ही होता था । डकैतों से बचाव के लिए ऐसे लोग लाइसेंसी बन्दूक रखते थे। परन्तु विगत कुछ दशकों से इसप्रकार की कोई घटना घटित नहीं हुई। लोगों के भीतर डकैती का डर खत्म हो गया था । इसप्रकार की घटना को अंजाम देने वाले अपराधी अन्य प्रांतों में मजदूरी कर धन उपार्जन करने लगे, जीवकोपार्जन सहज रूप में होने लगा तो डकैती की घटना बंद हो गयी। एक लंबे अंतराल के बाद पुन: डकैटी की घटना घटित हुई है । जो आमलोगों के बीच चर्चा का विषय बना है।


ज्ञात हो कि इसके पूर्व 2004 में सिकटी प्रखंड के कुवांपोखर में शिवनन्दन राय मुखिया के घर मे सशत्र अपराधियों ने डकैती की घटना को अंजाम दिया था । इस घटना में गृहस्वामी शिवनन्दन राय की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। मरातीपुर में एकबार फिर डकैती की घटना को अपराधियों ने अंजाम दिया लेकिन पांच दिन बीत गए पुलिस अपराधियों तक नहीं पहुंच सकी है। जिसे लेकर लोगों के बीच आशंका बनी है कि अपराधी फिर घटना को अंजाम दे सकती है। जिस सीसीटीवी फुटेज में अपराधी को स्थानीय लोगों ने देखा वह सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ। लोगों को उम्मीद थी कि पुलिस फुटेज के आधार पर पर अपराधियों के गिरेबान तक अवश्य पहुंचेगी। इतना ही नहीं घटना के बाद पुलिस के आला अधिकारी भी जल्द ही मामले का उद्भेदन का दावा किया लेकिन परिणाम अबतक शून्य ही है।

अन्य समाचार