पत्नी का मान-सम्मान व रक्षा करना पति का कर्तव्य : प्रेमा सखी

संसू., पीरी बाजार (लखीसराय) : शादी के पहले कन्या कुछ नहीं होती है। पति अपनी पत्नी को अपना कुल, अपना गोत्र, मान-सम्मान, धन हर चीज देता हैं। अपनी पहचान देता है। उसकी मान सम्मान एवं रक्षा के लिए हर संभव कार्य करता है लेकिन कभी छोटी सी गलती रिश्ते में करवाहट या फिर दरार ला देता है।

उक्त बातें पूज्या देवी प्रेमा सखी ने शुक्रवार देर शाम श्री राम कथा वाचन के दौरान कही। वे पीरी बाजार क्षेत्र के मनियारचक गरभू स्थान में एक जून से 11 जून तक आयोजित एकादश महाविष्णु महायज्ञ के अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि जिस तरह दूध से पानी मिलने पर दूध पानी को अपना रूप, रंग, अपनी कीमत आदि देता है। जब उस पानी को जलाने के लिए दूध को अग्नि देव के ऊपर रख कर तप्त किया जाता है तो दूध अपनी संगिनी पानी से अलग होने की स्थिति में अपनी संगिनी को बचाने के लिए उफन कर अग्नि को बुझाने के प्रयास करता है। पति को भी भरसक प्रयास करना चाहिए कि पत्नी के जीवन में कोई कष्ट या दुख आए तो उसे दूर किया जाए। दूध और पानी में प्रेम है लेकिन उसी दूध में एक नींबू निचोड़ दिया जाए तो दूध फट जाता है। उसी तरह पति-पत्नी के रिश्ते में भी होता है। पति भरसक प्रयास करता है कि पत्नी के ऊपर दुख न आए, कष्ट न आए लेकिन जब कपट रूपी घटाएं आन पड़ती है तो रिश्ता में विच्छेद हो जाता है। प्रेमा सखी के श्रीमुख से श्री राम कथा सुनकर श्रद्धालु भक्त भाव विभोर हो रहे थे। कथा वाचन के दौरान गाए जाने वाले भजनों पर उपस्थित लोग तालियां बजा कर झूम रहे थे। कथा श्रवण को काफी संख्या में श्रद्धालु भक्त पहुंचे रहे हैं।
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