शिक्षकों को विगत तीन माह से वेतन भुगतान नहीं होने पर संघ ने जताया विरोध

संस, बनमनखी, (पूर्णिया)। पूर्णिया जिले के नियोजित शिक्षकों का माह अप्रैल से ही वेतन भुगतान नहीं होने पर जिले के नियोजित शिक्षकों को आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है। इस बात की जानकारी बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ जिला इकाई पूर्णिया के संयोजक मंडल सदस्य सुशील कुमार आर्य ने दिया।

उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के उदासीन रवैया के कारण जिले के नियोजित शिक्षक माह अप्रैल से ही वेतन भुगतान से वंचित हैं। जिससे शिक्षकों को काफी आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है। राज्य सरकार के साथ-साथ विभागीय लापरवाही के कारण जिले के नियोजित शिक्षक विगत 14 माह से 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि से भी वंचित रह गए हैं। अभी तक पूर्णिया जिले के शिक्षकों को पुराना ही वेतन मिल रहा है। जबकि पास के जिलों में 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि के साथ वेतन का भुगतान किया जा रहा है। इस कारण भी शिक्षकों में मायूसी छाई हुई है। जिले के अप्रशिक्षित शिक्षकों को वेतन नहीं मिलने से उनके परिजनों में भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई। जबकि पटना उच्च न्यायालय का वेतन भुगतान हेतु आदेश प्राप्त है। इसके बावजूद भी अभी तक और जिले के अप्रशिक्षित शिक्षकों को वेतन से वंचित रखना कहीं ना कहीं उच्च न्यायालय के आदेश को भी अनदेखी किया जा रहा है। जो विभागीय मनमानी को दर्शाता है। उन्होंने आपत्ति जाहिर करते हुए कहा है जिले के शिक्षक ससमय विद्यालय आते हैं और अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए समय पूर्ण होने के पश्चात ही विद्यालय से प्रस्थान करते हैं। इसके बावजूद भी पूर्णिया जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा शिक्षकों की उपस्थिति पंजी का व्हाट्सएप के माध्यम से शिक्षक उपस्थिति पंजी की छायाप्रति की मांग किए जाने से संबंधित पत्र निर्गत किया जाना कहीं से भी उचित नहीं बनता है। जबकि इस संदर्भ में राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक बिहार, पटना के पत्रांक 181, दिनांक 09.01.2020 में यह स्पष्ट आदेश निर्गत है कि बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य कार्यालय के अनुमति के बिना स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में आईटी से संबंधित नवाचार यता मोबाइल ऐप का प्रयोग नहीं किया जा सकता है। इसके बावजूद भी पूर्णिया जिले में इस तरह का पत्र निर्गत होना कहीं ना कहीं विभागीय आदेश के अनुकूल नहीं है।

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