दो वर्ष बाद कांवरिया पथ को दुरुस्त करना प्रशासन की बड़ी चुनौती



संवाद सहयोगी, तारापुर (मुंगेर) : कोरोना की वजह से लगातार दो वर्षों तक विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले का आयोजन नहीं है। इस बार श्रावणी मेला शुरू होने की उम्मीद है। मेला 14 जुलाई से शुरू होगा, पर कांवरियो का जत्था एक सप्ताह पहले ही यात्रा शुरू कर देते हैं। सुल्तानगंज से देवघर तक 110 किलोमीटर कांवरिया मार्ग में 26 किलोमीटर पथ मुंगेर जिले में पड़ता है। तारापुर अनुमंडल के असरगंज, तारापुर व संग्रामपुर प्रखंड होकर ही कांवरिया बांका सीमा में प्रवेश करते हैं। दो वर्ष से मेला नहीं लगने से कांवरिया पथ की हालत दयनीय हो गई है। शौचालय से लेकर श्रद्धालुओं के बैठने के लिए लगाए बेंच-डेस्क भी जर्जर हो गया है। मेले शुरू होने में समय ज्यादा नहीं है, ऐसे में प्रशासन को कांवरिया पथ को दुरुस्त करना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। हालांकि, प्रशासन का दावा है कि मेले से पहले कांवरिया पथ को दुरुस्त कर लिया जाएगा। सीओ वंदना कुमारी ने निरीक्षण किया। मार्ग पर बालू बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है। खराब चापानलों को ठीक करने के लिए पीएचईडी के अधिकारियों ने तैयारी शुरू कर दी है।

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नल, शौचालय को करना होगा व्यवस्थित
ऐसे में इन दो वर्षाें में कांवरिया पथ पर कांवरियों के सुविधा के लिए लगाए गए सभी नल से लेकर शौचालय, धर्मशाला और सड़क जो पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। दुरस्त करवाना जिला प्रशासन के लिए एक चुनौती भरा कार्य है। कोरोना काल में श्रावणी मेला बंद होने के बाद अब प्रशासन ने भी कांवरिया पथ से मुंह मोड़ लिया है। इन दो वर्षों में पथ में लगे कई आरसीसी बेंचों को तोड़ कर दो भाग में बांट दिया गया है तो कहीं बेंच अब गाय को बांधने के काम आ रहे हैं। कई बेंच को ग्रामीण अपने घर के सामने लगाकर उसका उपयोग कर रहे है। करोड़ों के खर्चे से बनी लगभग सभी शौचालय उपयोगिता व देखरेख के अभाव में खंडहर बन गया है। कांवरिया पथ में लगे लगभग सभी शौचालय के दरवाजे की चोरी कर ली गई। पुराने पथ पर बने संसाधनों की ओर प्रशासन की अनदेखी से चोरों की भी चांदी कट रही है। स्नानागार एवं चापानल अनुपयोगी होकर बेकार हो गया है। ग्रामीणों ने जानवरों को कच्ची पथ पर ही बांध कर अतिक्रमण कर लिया गया है।
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भवन निर्माण विभाग करेगा पेंटिग और मरम्मत
हर वर्ष श्रावणी मेला में मुख्य फोकस कच्ची कांवरिया पथ को लेकर किया जाता है। सरकारी व्यवस्था सावन माह के पहले दिन से उपलब्ध कराया जाता है। कांवरियों की सुविधा के लिए पीएचइडी विभाग की ओर से चापानलों, शौचालय तथा जगह-जगह पर स्नानागार को दुरुस्त किया जाता है। भवन निर्माण विभाग की ओर से सरकारी धर्मशाला की मरम्मत रंग-रोगन तथा शौचालय, स्नानागार को मरम्मत किया जाता है। कच्ची पैदल पथ पर बालू बिछाने का कार्य बांका प्रमंडल ग्रामीण कार्य विभाग की ओर से कराया जाता है। पूरे पथ पर एक मात्र गोगाचक मनियामोड़ कुमरसार में सरकारी धर्मशाला है। रणगांव स्थित धर्मशाला मुख्य पक्की मार्ग के बगल में है। पैदल कांवरिया नहीं ठहरते हैं। कुमरसार धर्मशाला का काम शुरू कर दिया गया है।
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16 को जिलाधिकारी करेंगे विशेष बैठक
अनुमंडल पदाधिकारी रंजीत कुमार ने बताया कि 16 जून को जिलाधिकारी श्रावणी मेले की तैयारी को लेकर समीक्षा बैठक करेंगे। डीएम के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने कांवरिया पथ का निरीक्षण किया गया है। भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता ने तीन दिन पूर्व स्थलीय निरीक्षण किया है। धर्मशाला मरम्मती का काम शुरू कर दिया गया है। तीनों प्रखंड के अंचलाधिकारी को कांवरिया पथ को अतिक्रमण मुक्त करने का निर्देश गया है। मेला शुरू होने से पहले सभी जरूरी तैयारियां पूरी हो जाएगी।

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