खासमहाल के मूल लीजधारियों को भी विभाग भेज रहा नोटिस

जागरण संवाददाता, पूर्णिया : जिले में खासमहल का बड़ा भू भाग है। विभागीय आंकड़ों में शहरी क्षेत्र में खासमहल जमीन के लीजधारी सिर्फ 226 हैं। हालांकि लीजधारियों के पास कितनी जमीन है और सरकार के कब्जे में कितना भूभाग है इसको लेकर आंकड़ा कुछ स्पष्ट नहीं है। इधर, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर खासमहाल कार्यालय द्वारा लीजधारियों को नोटिस भेजकर उन्हें लीज नवीकरण के लिए बुलाया जा रहा है अन्यथा उनका लीज रद करने की चेतावनी दी गई है। जिले के 226 लीजधारियों में से 195 को विभाग ने नोटिस भेजी है। उसमें वैसे लीजधारी भी शामिल हैं जिनके लीज का नवीकरण किया हुआ है साथ ही उन्होंने अपना लीज भी हस्तांतरित नहीं किया है। नोटिस में दिया गया रकवे में भी उलटफेर कर दिया गया है। ऐसे में खासमहल के मूल लीजधारी परेशान हैं। लीज का हस्तांतरण माना जाएगा अवैध


राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव ने खासमहाल नीति 2011 के प्रविधानों के अनुसार लीजधारियों के साथ हुए एकरारनामा मामलों की जांच का निर्देश दिया है। कहा है कि इस मामले में दिशा निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराना अनिवार्य है। जारी पत्र में उन्होंने कहा है कि अगर मूल लीजधारी द्वारा शर्तों का उल्लंघन कर लीज भूमि का अंतरण किया गया है तो उसे अवैध माना जाएगा। वहीं खासमहाल की भूमि का व्यवसायिक उपयोग भी अवैध है। लीज भूमि का भौतिक सर्वेक्षण कर यह पता लगाने का निर्देश दिया गया है कि कितने मूल लीजधारी ने लीज शर्ताें का उल्लंघन किया है। साथ ही कितनी जमीन का अवैध तरीके से बिक्री या अंतरण किया गया है। लीजधारी द्वारा लीज अवधि की समाप्ति के बाद भी लीज नवीकरण का प्रयास किया गया है। ऐसी सभी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने का निर्देश दिया गया है। शहर में 815 एकड़ भूमि है खासमहाल की
विभागीय आंकड़ों के अनुसार जिले में 815 एकड़ भूमि खासमहाल की है। उसमें कुछ जमीन पर सरकारी कार्यालय आदि स्थित हैं तथा कुछ जमीन लीजधारियों के कब्जे में हैं, वहीं कुछ जमीन परती पड़े हैं। विभागीय फाइल में अभी 226 लीजधारी हैं जिसमें अधिकांश मूल लीजधारी है। लेकिन विभाग उनमें से अधिकांश को नोटिस भेज कर उन्हें उपस्थित होने को कहा है। जिन्होंने लीज का नवीकरण करा लिया है उन्हें भी नोटिस दिया गया है कि वार्षिक लगान का भुगतान नहीं किया गया है। मूल लीजधारी को भी कहा गया है कि उन्होंने भूमि का अंतरण किया है। ऐसे में वास्तविक लीजधारी विभागीय फरमान से परेशान हैं।

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