चालू वर्ष में 80 हेक्टेयर में केला, 30 हेक्टेयर में आम तथा 15 हेक्टेयर में होगी लीची की खेती

जागरण संवाददाता, सुपौल। जिले में इस वर्ष 80 हेक्टेयर खेतों में केले की खेती की जाएगी। इसके लिए विभाग की ओर से किसानों को टिशू कल्चर के पौधे उपलब्ध कराने के साथ-साथ उन्हें अनुदान भी दिया जाएगा। केले के अलावा इस वर्ष जिले में आम और लीची की भी खेती की जाएगी। मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना अंतर्गत क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम के तहत सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में 80 हेक्टेयर केला ,30 हेक्टेयर आम तथा 15 हेक्टेयर खेतों में लीची लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इन सभी खेती पर विभाग द्वारा किसानों को 50 फीसद अनुदान भी दिया जाएगा। फिलहाल लक्ष्य प्राप्ति को लेकर विभाग ने किसानों से आवेदन लेने शुरू कर दिए हैं। दरअसल हाल के दिनों में धान, गेहूं उत्पादन के साथ-साथ जिले के किसानों का झुकाव बागवानी की ओर भी बढा है। जिसे प्रोत्साहित करने के लिए सरकार भी किसानों को मदद पहुंचा रही है ।अब जब चालू द्वितीय वर्ष का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है तो जिले में एक बार फिर बागवानी का रकबा बढ़ने की उम्मीद बढ गई है। इन सभी खेती को लेकर सरकार ने जो गाइडलाइन जारी किए हैं उसके मुताबिक किसानों को इस खेती पर अनुदान भी दिया जाएगा। लाभ के लिए किसानों को डीबीटी पोर्टल पर निबंधन कराना अनिवार्य होगा। इसके लिए किसान प्रखंड उद्यान कार्यालय या जिला उद्यान कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। किसानों का योजना का लाभ पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा।.


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विभाग से होगी पौधे की आपूर्ति
केला, आम, लीची की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने जो मापदंड तय किया है उसके मुताबिक किसानों को पौधे की आपूर्ति विभाग द्वारा की जाएगी । जिस पर किसानों को 50 फीसद का अनुदान दिया जाएगा । इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। किसानों को पंजीयन रसीद,एलपीएस या जमीन की अद्यतन रसीद, फोटो तथा पासबुक की छायाप्रति संलग्न करना होगा। एक किसान अधिकतम 4 हेक्टेयर तथा न्यूनतम 0.1 हेक्टेयर खेती के लिए अनुदान ले सकते हैं।
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किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा जी 9 केले का टिश्यू कल्चर
केले की खेती कर रहे किसानों को जिला उद्यान विभाग द्वारा जी 9 केले का टिश्यू कल्चर उपलब्ध कराया जाएगा। इस प्रजाति की केले की सबसे बड़ी खासियत है कि यह न सिर्फ स्वाद में बेहतर होता है बल्कि उपज क्षमता भी अधिक होती है । टिश्यू कल्चर से तैयार केले की यह प्रजाति जहां स्वाद से भरपूर होता है वही रोग प्रतिरोधक मामले में भी अव्वल होता है। इसकी खासियत है कि खेतों में लगे सभी पौधे एक साथ बड़े होते हैं और एक साथ फल देते हैं। जिससे किसानों को एक मुश्त आमदनी हो जाती है। जब तक एक पौधा फल देता है तब तक इसका दूसरा पौधा भी बड़ा हो जाता है। पिछले वर्ष भी जिले में इसी प्रजाति के पौधे किसानों को उपलब्ध कराए गए थे। जिससे किसानों की आमदनी परंपरागत केले से काफी अधिक हुई थी। इसी प्रकार उच्च गुणवत्ता वाले आम के पौधे भी किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे। जिसमें जर्दालू ,मालदह, गुलाबखास आदि किस्म के आम शामिल होंगे। जबकि किसानों को साही प्रजाति के लीची के पौधे दिए जाएंगे।
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कोट- मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष के लिए केला, आम ,लीची का विभाग को लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इसके लिए किसानों से आवेदन लिए जा रहे हैं। आम और लीची पर प्रथम वर्ष अनुदान का 30 फीसद द्वितीय व तृतीय वर्ष 10-10 फीसद तथा केला खेती के लिए किसानों को प्रथम वर्ष पौधा तथा द्वितीय वर्ष 50 फीसद का अनुदान दिया जाना है।
-आकाश कुमार
जिला उद्यान पदाधिकारी

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