रबी की तरह खरीफ में भी किसानों को झेलनी पड़ सकती है खाद की किल्लत

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। रबी फसल की तरह एक बार फिर खरीफ सीजन में भी किसानों को खाद की किल्लत झेलनी पड़ सकती है। मौसम विभाग की बेहतर मानसून की भविष्यवाणी के बीच खरीफ सीजन में बड़ी संख्या में किसान धान की खेती करने की तैयारी कर रहे हैं।

कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में 95 हजार हेक्टेयर में धान की खेती का अनुमान है। जिला कृषि पदाधिकारी प्रकाश चंद्र मिश्र ने बताया है कि खरीफ सीजन में आवश्यकता से कम खाद उपलब्ध है। जिले में यूरिया खाद आवश्यकता की मात्र 35 फीसद और डीएपी खाद मात्र 21 फीसद उपलब्ध है। हालांकि उप विकास आयुक्त मनोज कुमार ने जिला टास्क फोर्स की बैठक में डीएओ को आवश्यकता के अनुसार खाद की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है साथ ही इस संबंध में जिले के एमपी, एमएलए व अन्य जनप्रतिनिधियों को भी जानकारी देने का निर्देश दिया है। 95 हजार हेक्टेयर में धान के आच्छादन का अनुमान

जिले में धान किसानों की प्रमुख फसल है। जिले में लो लैंड अधिक होने तथा मानसून में पानी की प्रचूरता के कारण किसान खरीफ सीजन में धान की खेती अधिक करते हैं। हालांकि कुछ किसान यहां खरीफ में भी मक्का की खेती करते हैं लेकिन इस सीजन में सबसे अधिक धान की खेती करते हैं। जिला कृषि पदाधिकारी प्रकाश चन्द्र मिश्र ने बताया कि जिले में खरीफ सीजन के दौरान 95 हजार हेक्टेयर में धान उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसके लिए 9500 हेक्टेयर में बिचड़ा भी गिराया जाना है। बताया कि जून के पहले सप्ताह तक जिले में लक्ष्य का 50 प्रतिशत बिचड़ा गिराया जा चुका है। जिले में सिर्फ बनमनखी व बायसी प्रखंड में मात्र 20 प्रतिशत बिचड़ा गिराया गया है। वहीं खरीफ सीजन में विभाग के द्वारा निर्धारित 3117.92 क्विटल के विरुद्ध 2516. 69 क्विटल बीज बिहार राज्य बीज निगम से प्राप्त हुआ है। जिसमें से 81 प्रतिशत बीज का वितरण कर दिया गया है। वहीं डीडीसी ने जिला कृषि पदाधिकारी को 20 जून तक शत-प्रतिशत बिचड़ा गिराने के साथ-साथ समय से बीज वितरण करवाने का निर्देश दिया है। खरीफ 2022 में 34,000 एमटी यूरिया की जरूरत
जिला कृषि विभाग से मिली जानकारी अनुसार जिले में खरीफ सीजन में 34,000 एमटी यूरिया की जरूरत है जिसमें 12029.81 एमटी यूरिया उपलब्ध है। इसके अलावा 13,000 एमटी डीएपी के विरुद्ध 2800.65 एमटी, 7,500 एमटी एनपीके के विरुद्ध 1257.35 एमटी खाद उपलब्ध है। डीडीसी ने उन्हें समय-समय पर खादों के उपलब्धता की जानकारी सांसद, विधायक व अन्य सम्मानित जनप्रतिधियो को देने का निर्देश दिया है। डीडीसी ने किसानों के बीच जलवायु अनुकूलन खेती के व्यापक प्रचार-प्रसार करने का निर्देश भी दिया है। 20 जून को कृषि विज्ञान केंद्र में होगा किसान-वैज्ञानिक मिलन समारोह
कृषि टास्क फोर्स की बैठक में आत्मा के परियोजना निदेशक दीपक कुमार ने बताया कि जिले में आत्मा द्वारा किसानों को उन्नत्त खेती का गुर सीखाने के लिए लगातार परिभ्रमण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। खरीफ सीजन में धान की उन्नत खेती के लिया कृषि वैज्ञानिकों के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। डीडीसी मनोज कुमार ने आत्मा के परियोजना निदेशक को आगामी 20 जून को कृषि विज्ञान केंद्र जलालगढ़ में किसान-वैज्ञानिक मिला समारोह का आयोजन करवाने का निर्देश दिया ताकि किसान वैज्ञानिकों के साथ सीधा संवाद कर सकें।

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