हेपेटाइटिस जांच के लिए नहीं खरीदनी होगी किट, सरकारी स्तर पर एक लाख पीस आवंटित

समस्तीपुर। जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में अब हेपेटाइटिस बी की मुफ्त में जांच होगी। पहले भी जांच होती थी, लेकिन इसकी जांच के लिए किट की खरीद स्थानीय स्तर पर की जाती थी। अब बीएमएसआइसीएल द्वारा ही किट की आपूर्ति की जा रही है। केंद्रीय ड्रग स्टोर द्वारा स्वास्थ्य संस्थानों को किट की आपूर्ति की गई है। फिलहाल राज्य स्तर से जिले में एक लाख किट की आपूर्ति की गई है। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा. आरपी मंडल ने बताया कि अस्पताल में ही मरीजों की जांच होगी। घातक है हेपेटाइटिस बी, सी की गंभीर स्थिति

यह एक लक्षण रहित बीमारी है, जो ज्यादातर लोगों में लंबे समय तक छिपी रहती है। लीवर में गंभीर संक्रमण होने के बाद ही इसके लक्षण दिखते हैं। इलाज मिलने से लीवर सिकुड़ जाता है। इस स्थिति को लीवर सिरोसिस कहते हैं। इसका विस्तृत रूप लीवर कैंसर तक पहुंच जाता है। क्रॉनिक हैपेटाइटिस सी में शरीर इस वायरस से मुक्त नहीं हो पाता और यह विषाणु शरीर में ही पालता रहता है। लीवर पूरी तरह से काम करना बंद कर देता है। ऐसे हो सकता हेपेटाइटिस बी और सी :

- संक्रमित सूई का इस्तेमाल करने।
- संक्रमित व्यक्ति के रक्त के संपर्क में आने से।
- बिना सही जांच के संक्रमित रक्त चढ़ाने से।
- संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने से।
- टैटू बनवाने।
- नाक-कान छिदवाने।
- दूसरों का टूथ ब्रश प्रयोग करने। काला पीलिया के लक्षण :
अनावश्यक थकान, सिर में दर्द और हल्का बुखार, त्वचा और आंखों का रंग पीला पड़ना, पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द, पेट में पानी भरना, पाचन संबंधी समस्याएं और दस्त, त्वचा में जलन, खुजली और लाल रंग के चकते पड़ना, भूख लगना, वजन में गिरावट, देर से पता लगने पर मुंह से खून आना, पीले रंग का पेशाब होना, पैरों में सूजन होना। ऐसे रख सकते हैं बचाव :
खाना खाने से पहले हाथों को साबुन से जरूर धोएं, बाजार की बर्फ का इस्तेमाल न करें, हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन लगवाएं, यह पक्का कर लें कि नई सूई का इस्तेमाल हो रहा है वह इंस्ट्रूमेंट स्टरलाइज है। ब्लड बैंक से ही रक्त लेना चाहिए।

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