कागजों पर दौड़ लगा रहा ब्लड बैंक, खून के लिए हो रहे रेफर

जागरण संवाददाता, सुपौल। पिछले कई वर्षों से जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में ब्लड बैंक की स्थापना की कवायद चल रही है और इसकी जो मौजूदा स्थिति है उसे देख ऐसा लग रहा है कि इसे मूर्तरूप मिल पाना फिलहाल मुश्किल है।

दरअसल, ब्लड बैंक के लिए जो वर्षों पूर्व कागजी घोड़ा दौड़ाया गया था वह अब तक दौड़ ही रहा है। सदर अस्पताल में ब्लड बैंक का नहीं होना सड़क दुर्घटना वाले मरीज और गर्भवती महिला सहित अन्य इमरजेंसी मरीज के लिए भारी पड़ रहा है। विडंबना देखिए कि जब यह अस्पताल अनुमंडलीय अस्पताल की श्रेणी में था तब ब्लड बैंक की स्थापना हुई थी लेकिन उद्घाटन के बाद कभी चालू नहीं हो पाया। आज जब यह सदर अस्पताल के रूप में खड़ा है तो ब्लड बैंक के लिए तरस गया है। इससे दुखद बात क्या होगी कि 2018 के फरवरी माह में सुपौल दौरे पर आए स्वास्थ्य मंत्री द्वारा छह महीने के अंदर ब्लड बैंक शुरू करने का आश्वासन दिया गया था। बावजूद आज तक सदर अस्पताल में ब्लड बैंक शुरु नहीं हो पाया।

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चिह्नित किए गए जगह, निकाला गया टेंडर सदर अस्पताल में स्थापित होने वाले ब्लड बैंक के लिए जगह को चिह्नित किए लगभग दो साल हो गये हैं। इतना ही नहीं ब्लड बैंक का काफी सामान भी पिछले साल ही आ चुका। और तो और इसके लिए टेंडर भी निकाला गया। जिस कंपनी को टेंडर मिला वह आई भी और जगह देखकर जो गई उसके बाद वापस ही नहीं आई। दरअसल सदर अस्पताल में ब्लड बैंक खुले इसके लिए न तो विभागीय लोग सजग हैं और न कोई अन्य संवेदनशील। ऐसे में सदर अस्पताल के उपर तल्ले पर स्थित ब्लड स्टोरेज सेंटर ही सहारा बना हुआ है। 50 यूनिट की क्षमता वाले उक्त ब्लड स्टोरेज सेंटर जरूरत के हिसाब से मरीजों को खून उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं हो पाता है। यही वजह है कि इस सदर अस्पताल में जरूरतमंद लोगों को ब्लड के लिए भटकना पड़ता है। उन्हें बाहर से खून की व्यवस्था करनी पड़ती है। कई बार तो ऐसा देखा गया है कि खून के लिए रेफर किए गए मरीज समय से खून नहीं मिलने के कारण रास्ते में ही दम तोड़ देता है।
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लिखा गया पत्र, नहीं लिया गया संज्ञान
ब्लड बैंक की स्थापना हो इसके लिए इस साल मार्च माह में सदर अस्पताल उपाधीक्षक द्वारा राज्य स्वास्थ्य समिति के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (रक्त अधिकोष) को पत्र लिखा गया। पत्र में कहा गया कि कई वर्षों से रक्त अधिकोष हेतु स्थान चिह्नित करने एवं उपकरण प्राप्त करने के बावजूद अभी तक रक्त अधिकोष शुरु नहीं हो सका है। ब्लड बैंक नहीं रहने कारण मरीजों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि मार्च, 2021 में ही ब्लड बैंक शुरु करने के लिए लिए एक माह के अंदर राशि आवंटित करने की बात कही गई थी, जो अभी तक अप्राप्त है। दुखद पहलू यह है कि इस पत्र का अभी तक संज्ञान नहीं लिया गया। विभाग फिर से इस दिशा में पत्र लिखने की तैयारी में है।

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