बुजुर्गों की स्मृति वाटिका में विराजेंगे बुद्ध

बलवंत कुमार, बिहारशरीफ: आम बुजुर्गों के निधन के बाद उनकी स्मृति में एक पौधा रोपने की शुरुआत अब एक वाटिका का स्वरूप ले चुकी है। अब इस वाटिका को खास पहचान देने के लिए भगवान बुद्ध की स्मृति संजोई जाएगी। जल्द ही इस वाटिका में बुद्ध की प्रतिमा प्रतिष्ठित की जाएगी। इस तरह पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रही यह बगिया आत्मा और परमात्मा के मिलन का प्रतीक भी बन जाएगी। लगभग 10 साल पहले पर्यावरण संरक्षण के साथ दिवंगतों की स्मृति को संजोने की मुहिम आज सभी के लिए प्रेरणा बन चुकी है। रोटरी क्लब तथागत ने वाटिका में साढ़े छह फीट ऊंची भगवान बुद्ध की प्रतिमा स्थापित करने के लिए मंगा चुकी है। शहर से दो किलोमीटर की दूरी पर बरबीघा रोड पर मुरौरा स्थित शिव मंदिर के प्रांगण में रोटरी क्लब स्मृति वन वाटिका की स्थापना की गई थी। शुरुआत डा. श्याम नारायण ने अपने पिता की याद में पौधरोपण व बैठने के लिए पत्थर की बेंच बनवाकर की थी। इसके बाद डा. सुनीति सिन्हा, डा. अश्विनी कुमार वर्मा, डोमन गोप ने स्मृति वाटिका में दिवंगत स्वजन की याद में पौधरोपण व पत्थर की बेंच बनवाई। बाद में इस वाटिका का नाम बदलकर रोटरी क्लब तथागत स्मृति वाटिका कर दिया गया। इसके बाद शहर के विभिन्न मोहल्लों के अलग-अलग पेशे से जुड़े मार्निंग वाक टीम के सदस्यों ने योग अभ्यास कर पौधों के रख-रखाव की पूरी जिम्मेदारी उठा ली। अभियान के सूत्रधार डा.अरविद कुमार सिन्हा ने बताया कि मंदिर परिसर में बनारस से चुनार की बनी बुद्ध भगवान की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। साथ ही शिव मंदिर के आगे भगवान नंदी की प्रतिमा भी स्थापित की गई है। वाटिका में फाउंटेन लगाया गया है। फिलहाल वाटिका में पौधा लगाने या बेंच लगाने की जगह नहीं है। उन्होंने बताया कि वाटिका में दिवंगत स्वजन की याद में पौधरोपण कराया जाता है। वाटिका में करीब 500 विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए जा चुके हैं। वाटिका में लहलहाते पौधे न केवल दिवंगत स्वजन की यादों को जीवंत रखे हुए हैं बल्कि पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दे रहे हैं। मंदिर परिसर के चारों ओर चलने के लिए पीसीसी ढलाई कर फुटपाथ बनाया गया है। बीच में तालाब का जीर्णोद्धार कर उसे स्वच्छ बनाया गया है। इसमें पूर्व विधायक रवि ज्योति व पूर्व एमएलसी हीरा बिद फंड दे चुके हैं। -----------------------------


अभियान से जुड़े सैकड़ों लोग डा. अरविद कुमार सिन्हा ने बताया कि पर्यावरण से गहरा सरोकार रखने वाले लोग आज स्मृति वाटिका में आकर पौधे लगाते हैं। अभियान के तहत मार्निंग वाक टीम के सदस्य श्राद्धकर्म में जहां भी शामिल होने जाते हैं, उनके स्वजनों से वाटिका में एक पौधा लगाने और उस पौधे का संरक्षण करने के लिए प्रेरित करते हैं। दिवंगत पूर्वज की याद को संजोने के लिए जो जितना अंशदान देते हैं, स्वीकार लिया जाता है। इस टीम में शामिल वीरायतन के प्रबंधक अंजनी कुमार ने कहा कि टहलने के उद्देश्य खुद को स्वस्थ्य रखना है। लगे हाथ टीम इसी समय का सदुपयोग पर्यावरण संरक्षण के लिए कर लेती है।

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