बैंकों की मनमानी से दम तोड़ रही पीएम स्वनिधि योजना

संस, सहरसा : कोरोना संक्रमण के दौरान रोजी रोजगार से वंचित हुए गरीबों के लिए शुरू किए गए पीएम स्वनिधि योजना का लाभ सहरसा के रेहड़ी और फुटपाथी दुकानदारों को नहीं मिल पा रहा है। जिले के बैंकों की मनमानी के कारण नगरपरिषद से वेंडर कार्ड प्राप्त फुटपाथी दुकानदार लोन के लिए दर -दर भटक रहे है। पूंजी के अभाव में फुटपाथी का रोजगार सही तरीके से नहीं चल पा रहा है, और प्रावधान के बावजूद बैंक इन लोगों को आर्थिक सहायता देने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में स्थानीय स्तर पर छोटे- छोटे रोजी- रोजगार को छोड़कर कुछ लोग रिक्शा ठेला चलाने लगे, तो कुछ दूसरे प्रदेश मजदूरी के लिए पलायन करने लगे हैं।


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क्या है पीएम स्वनिधि योजना
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पीएम स्वनिधि योजना के तहत रोजी रोजगार से वंचित लोगों को दोबारा काम शुरू करने के लिए सब्सिडी के साथ दस हजार रुपये तक के कर्ज दिए जाने का प्रावधान है। पहली बार दिए गए ऋण को समय पर चुकाने पर इस योजना के लाभार्थी को दूसरी बार बीस हजार और तीसरी बार पचास हजार रुपये तक के लोन की सुविधा दी गई है। इस योजना के तहत डिजिटल लेन- देन को प्रोत्साहित करने के लिए रेहड़ी- पटरी वालों को क्यूआर कोड, प्रशिक्षण और कैशबैक की सुविधा भी प्रदान किए जाने की रणनीति बनाई गई है। सहरसा व सिमरीबख्तियारपुर नगर परिषद में काफी प्रयास के बावजूद चंद फुटपाथी दुकानदार यह सुविधा प्राप्त कर सके। शेष लोग इसके लिए नगरपरिषद से बैंकों का चक्कर लगाकर थक गए हैं।
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सर्वेक्षण के बाद वेंडरों को जारी किया गया कार्ड
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नगर विकास विभाग द्वारा दोनो नगर निकाय में सर्वेक्षण कराकर वेंडरों की सूची तैयार किया गया। इसके आधार पर इनलोगों को वेंडर आई कार्ड भी जारी किया गया। नगर विकास विभाग द्वारा दुकानदारों को बसाने के लिए जहां वेडिग जोन बनाने की घोषणा की गई, वहीं सभी इच्छुक कार्डधारियों को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का लाभ लेने की बात कही गई। इसके लिए बड़ी संख्या में फुटपाथी दुकानदार दौड़कर थक गए हैं। फुटपाथी दुकानदार मो. इस्लाम कहते हैं कि उन्हें वेंडर आईकार्ड उपलब्ध है, परंतु योजना का लाभ उन्हें नहीं मिल सका है। रूबी देवी कहती है कि वह वर्षों से फुटपाथ पर सब्जी दुकान लगाकर परिवार की परवरिश कर रही है। सर्वेक्षण के आधार पर उन्हें कार्ड भी मिला है, परंतु वह योजना के लाभ के लिए दर- दर भटक रही है।
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बैंकों की उदासीनता के कारण वेंडरों को योजना का अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसकी जानकारी जिलाधिकारी को भी दी गई है। डीएम स्तर से शीघ्र ही संबंधित बैंक के वरीय अधिकारियों को इसके लिए पत्र भेजे जाने की उम्मीद है।
आदित्य कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, सहरसा

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