कबीर साहेब के जयंती समारोह में बहती रही भक्ती व ज्ञान की धारा

संवाद सूत्र, महेशखूंट (खगड़िया) : संत शिरोमणि सदगुरू कबीर मंडलेश्वर सह उपाचार्य मठ बन्नी में आयोजित कबीर साहेब का 624वां जयंती समारोह सह बन्नी मठ का 42वां अधिवेशन मंगलवार को संपन्न हुआ। इस अवसर पर भक्ति व ज्ञान की धारा बहती रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता बन्नी मठ के मंडलेश्वर महंत रघुनंदन गोसशमी कर रहे थे। कार्यक्रम का प्रारंभ बन्नी मठ के महंत रधुनंदन गोस्वामी ने झंडोत्तोलन के साथ किया। इस मौके पर कटिहार, भागलपुर, मुंगेर, बेगूसराय, सहरसा, मधेपुरा समेत अन्य जिलों से संत व कबीर पंत के अनुयायी पहुंचे थे। इस अवसर पर संतों ने अपने प्रवचन में मानव जीवन के मूल्यों से अवगत कराया। संतों ने कबीर के निर्गुण झीनी झीनी चदरिया पर प्रकाश डालते हुए कबीर के उपदेशों पर विस्तार से चर्चा की। संतों ने कहा कि वर्तमान समय में अनाचार, कदाचार, व्यभिचार, नरसंघार, बलात्कार, नशपान, घुसखोरी और भोगवाद चरम पर है। लोग अध्यात्म से भटक गये हैं और पश्चिमी सभ्यता का गुलाम हो रहे है। आज समाज के लोगों को नैतिकता संयमशीलता, सदाचारिता राष्ट्रीयता एवं अध्यात्म परायण जीवन जीने कला भूलते जा रहे हैं। इसे लेकर सबों को जागरुक होने की जरूरत है। संत भूप नारायण साहेब ने कबीरा गए बाजार, खड़ा बाजार में सबकि चाहै खैर ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर पर प्रकाश डालते हुए मानव जीवन के मायामोह से उपर उठ कर केवल दायित्व पालन का संदेश दिया। महंत दीपक साहेब ने कहा कि पांच तत्व से बने हाड़ मांस का यह शरीर एक दिन मिट्टी में मिल जाएगा। इसलिए अच्छा कर्म करो। कर्म की ही प्रधानता है। आपके जीवन का सुख दुख आपके कर्म का ही फल है। संत अमरदीप साहेब,डा. कुलदीप यादव, ने भी संत कबीर के विचारों से लोगों को अवगत कराया। इस अवसर पर बन्नी पैक्स अध्यक्ष नरेश कुमार सिंह, कौशल किशोर साहेब, अभय साहेब, प्रकाश गोस्वामी आदि ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम में गायिका मौसम प्रिया ने कबीर साहेब भजन गा कर लोगों को मन मोह लिया।

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