समस्तीपुर में पुरुषों से अधिक महिलाएं फाइलेरिया से पीड़ित

समस्तीपुर। समस्तीपुर में पुरुषों की तुलना में महिलाएं फाइलेरिया से ज्यादा पीड़ित हैं। पिछले महीने आठ प्रखंडों में कराए गए नाइट ब्लड सर्वे (फाइलेरिया के वायरस रात में अधिक सक्रिय होते हैं, इसलिए उसी समय सैंपल लिया जाता है) में चार हजार 31 लोगों के सैंपल लिए गए थे। इनमें 133 लोगों के सैंपल पॉजिटिव निकले। इनमें 69 महिलाएं और 64 पुरुष हैं। सिविल सर्जन के अनुसार रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेजी जाएगी। इसके बाद जिले में फाइलेरिया जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। जिला वेक्टर बॉर्न डिजिज पदाधिकारी डा. विजय कुमार ने बताया कि चार प्रखंड में साइलेंट और चार प्रखंड में रैंडम सैंपलिग की गई थी। इसमें सभी प्रखंड से पॉजिटिव केस मिला है। सबसे अधिक महिलाएं पॉजिटिव पाई गई है। इन प्रखंडों में सर्वे के दौरान लिया गया सैंपल :


जिले आठ प्रखंडों में सर्वे किया गया। इसमें समस्तीपुर शहरी क्षेत्र के बारहपत्थर मोहल्ला, कल्याणपुर प्रखंड के ध्रुवगामा, पूसा प्रखंड के गंगापुर, मोरवा प्रखंड के महमदपुर, दलसिंहसराय प्रखंड के नगरगामा, पटोरी प्रखंड के सिरदीलपुर, सरायरंजन प्रखंड के सरायरंजन और ताजपुर प्रखंड के आधारपुर पंचायत में सर्वे किया गया। 4031 सैंपल की जांच में मिले 133 पॉजिटिव :
नाइट ब्लड सर्वे के लिए सैंपल लेकर जांच किया गया। इसमें समस्तीपुर शहरी क्षेत्र में 513 का सैंपल लिया गया। इसमें छह का रिपोर्ट पॉजिटिव व 507 का निगेटिव रिपोर्ट आया है। कल्याणपुर प्रखंड में 514 सैंपल की जांच में 503 निगेटिव व 11 पॉजिटिव, पूसा में 500 सैंपल की जांच में 496 निगेटिव व चार पॉजिटिव, मोरवा में 500 सैंपल जांच में 487 निगेटिव व 13 पॉजिटिव, दलसिंहसराय में 502 की जांच में 491 निगेटिव व 11 पॉजिटिव, पटोरी में 500 सैंपल जांच में 448 निगेटिव व 52 पॉजिटिव, सरायरंजन में 501 सैंपल जांच में 487 निगेटिव व 14 पॉजिटिव और ताजपुर में 501 सैंपल की जांच में 479 निगेटिव व 22 पॉजिटिव रिपोर्ट मिला। पटोरी में सबसे अधिक महिला पॉजिटिव :
जारी रिपोर्ट के मुताबिक पटोरी में सबसे अधिक 22 महिला पॉजिटिव मिली। इसके अलावा ताजपुर में 15, सरायरंजन में 10, मोरवा में सात, दलसिंहसराय व कल्याणपुर में छह-छह, पूसा में दो, समस्तीपुर शहर में एक महिला का रिपोर्ट पॉजिटिव आया। दवा के सेवन से जिदगी होगी सामान्य :
जिला वेक्टर बॉर्न डिजिज पदाधिकारी ने बताया कि फाइलेरिया मनुष्य के चार अंगों को प्रभावित करता है। जिसमें पांव, हाथ, हाइड्रोसील व महिलाओं का स्तन शामिल है। फाइलेरिया से संक्रमित हो जाने पर लंबे समय तक इलाज चलने और दवा की खुराक पूरी करने पर रोगी सामान्य जीवन जी सकता है। दवाई की खुराक पूरी नहीं करने पर यह रोग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए नुकसानदायक है। सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में डीईसी दवा निशुल्क उपलब्ध है। जिसे चार से पांच सालों तक साल में एक बार लेना होता है। 12 दिनों का दिया जाएगा डोज
पॉजिटिव केस आने वाले मरीजों का केयर किया जा रहा है। वजन और उम्र के मुताबिक 12 दिनों के लिए डीईसी दवाई दी जाएगी। उन्होंने बताया कि दो से पांच वर्ष तक के बच्चों को एक, छह से 14 वर्ष के बच्चों को दो और 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को तीन टैबलेट दिया जाएगा। लेकिन दो साल से कम के बच्चे, गर्भवती महिलाएं व गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों को दवा नहीं दिया जाएगा।

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