60 हजार एमटी खाद की दरकार, 15 फीसद भी उपलब्ध नहीं

सुनील कुमार, सुपौल : रबी फसल की तरह एक बार फिर खरीफ सीजन में भी किसानों को खाद की किल्लत झेलनी पड़ सकती है। मौसम विभाग के बेहतर मानसून की भविष्यवाणी के बीच खरीफ सीजन में बड़ी संख्या में किसान धान की खेती करने की तैयारी कर रहे हैं। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में 90 हजार हेक्टेयर में धान की खेती का अनुमान है। इधर अभी से ही खाद की किल्लत जिले में दिखने लगी है। विभाग भी कम खाद उपलब्ध होने की बात स्वीकार कर रहा है। खरीफ सीजन में जिले में लगभग 60 हजार एमटी खाद की जरूरत आंकी गई है। जिसमें से फिलहाल 15 फीसद खाद भी जिले को उपलब्ध नहीं है। यदि जिले को अनुमानित लक्ष्य के अनुसार खाद की आपूर्ति नहीं की जाती है तो फिर एक बार जिले के किसानों को खाद के लिए मारामारी की स्थिति झेलनी पड़ेगी।


-------------------------------------------------
34000 एमटी यूरिया की है जरूरत
कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक खरीफ सीजन में खाद का जो लक्ष्य अख्तियार किया गया है उसके मुताबिक 34000 एमटी यूरिया, 13000 एमटी डीएपी तथा 7529 एनपीके खाद की जरूरत पड़ेगी। जिसके विरुद्ध अभी जिले में 13000 एमटी यूरिया तथा 280 एमटी डीएपी उपलब्ध है। हालांकि विभाग का कहना है जिले में खाद की कोई किल्लत नहीं होने दी जाएगी। खपत के मुताबिक खाद की मांग की गई है। दरअसल रबी सीजन में खाद और यूरिया को लेकर किसानों के बीच हाहाकार मचा हुआ था। किसान एक बोरी यूरिया के लिए रात-रात कतार में लगे रहते थे। बावजूद उन्हें खाद नहीं मिल पा रही थी। इसका असर इस बार पैदावार पर देखने को मिला। किसानों की माने तो समय से खाद उपलब्ध नहीं होने के कारण रबी सीजन में गेहूं के उत्पादन में कमी हुई। इधर खरीफ सीजन लगभग शुरू हो चुका है। ऐसे में खाद का कम स्टाक फिलहाल किसानों को डरा रहा है।
-------------------------------------------------------------------
90 हजार हेक्टेयर में लगाई जाएगी धान की फसल
जिले में धान किसानों की प्रमुख फसल है। जिले में लो लैंड अधिक होने तथा मानसून में पानी की प्रचुरता के कारण किसान खरीफ सीजन में धान की खेती अधिक करते हैं। कृषि विभाग की माने तो खरीफ सीजन में 90 हजार हेक्टेयर खेतों में धान की फसल लगाने का अनुमान है। इसके लिए 900 हेक्टेयर में बिचड़ा बोए जाने हैं। जून के पहले सप्ताह तक लगभग 80 फीसद बिचड़ा बोए जा चुके हैं। इधर जिले में लगभग 90 फीसद बिचड़ा का वितरण भी सरकारी स्तर पर अनुदानित दर पर किया जा चुका है। इसके अलावा बड़ी संख्या में किसानों ने अपने बलबूते भी बीज की खरीदारी कर खेतों में बो दिए हैं। ऐसे में यदि खाद की किल्लत होती है तो किसानों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है।

अन्य समाचार