पंचायतों की संपत्तियां होंगी सुरक्षित, सुधरेगी कार्य संस्कृति

दरभंगा। पुराने ढर्रे पर चल रही पंचायती राज व्यवस्था में शीघ्र बदलाव देखने को मिलेगा। पंचायतों की संपत्ति सुरक्षित करने के साथ-साथ उनकी कार्य संस्कृति मजबूत करने की कोशिश शुरू हुई है। जिले की सभी 309 पंचायतों का विस्तृत ब्योरा शीघ्र गुगल पर होगा। दुनिया के किसी भी कोने से कोई भी व्यक्ति इच्छित पंचायत के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकेगा। इसके लिए जिला पंचायत राज विभाग ने पहल की है। पंचायतों की संपूर्ण जानकारी एकत्र की जा रही है। इनमें पंचायत के नाम, प्रखंड, उसकी संपत्ति, संसाधन, मानव बल, निर्वाचित प्रतिनिधि, पंचायत में तैनात सरकारी कर्मियों की संख्या (पदवार), पंचायत तक पहुंचने का मार्ग, पंचायत के अधीन गांवों के नाम आदि शामिल हैं। बताते हैं कि अभी जिले के गांवों के बारे में विस्तार से जानकारी लेने के लिए कोई भी व्यक्ति गूगल पर सर्च करता है तो रिजल्ट नाट फाउंड आता है। इसे देखते हुए जिला पंचायत राज पदाधिकारी आलोक राज ने इस योजना पर काम शुरू किया है। डेटा संग्रह का काम जिला पंचायत संसाधन केंद्र के बीपीएम उज्जवल कुमार को सौंपा गया है। जिले में 57 पंचायत सरकार भवन तैयार, लोकेशन का पता नहीं


वर्तमान में जिले की 309 पंचायतों में कई के पास पुराने पंचायत भवन हैं। उनकी अपनी परिसंपत्ति है। सरकार की नई योजना के अनुरूप यहां 57 पंचायत सरकार भवन का निर्माण कराया जा चुका है। 156 के पास पुराना पंचायत भवन है। शेष पंचायत स्तर पर विभिन्न भवनों में संचालित है, लेकिन किसी का भी लोकेशन सहज उपलब्ध नहीं है। इस बीच नई व्यवस्था लागू होने के साथ किस पंचायत के पास अपनी जमीन है, अपना भवन है, कौन सी पंचायत किराए के भवन या फिर पंचायत प्रतिनिधि के आवास पर किस पंचायत का काम चल रहा है, ग्राम कचहरी के कार्यों का निष्पादन कैसे और कहां हो रहा है, ये तमाम तथ्य एक ही स्थान पर होंगे। इतना ही नहीं पंचायतों के वर्तमान प्रतिनिधियों के नाम व नंबर भी पंचायतवार सुरक्षित होंगे। पंचायत सरकार भवनों में होनेवाले कार्यों की हो सकेगी रेटिग
पंचायत के स्तर पर संचालित होनेवाली योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए तैनात सरकारी कर्मियों की भी मानीटरिग की व्यवस्था समेकित जानकारी के साथ और बेहतर हो सकेगी। वर्तमान में लाइव लोकेशन, जियो टैग फोटो के जरिए या फिर औचक निरीक्षण कर अधिकारी कर्मियों को मानीटर कर पा रहे। जैसे ही पंचायतों की समग्र जानकारी के साथ उनकी गुगल मैपिग कराई जाएगी, लोगों को उसी के साथ कई आप्शन मिलेंगे। पंचायत की जानकारी लेने के साथ ही आम आदमी पंचायत के बारे में अपना अनुभव साझा कर सकेगा। साथ ही यहां की कार्यसंस्कृति के बारे में रेटिग भी दे सकेगा। पंचायत को मिलनेवाली रेटिग के आधार पर अधिकारी अपने कर्मियों को मानीटर कर सकेंगे। रेटिग के आधार पर कार्रवाई की जा सकेगी।

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