रामनगर में 58 टीबी रोगियों का चल रहा इलाज, छह से आठ माह के इलाज में हो जाते सामान्य

रामनगर (बगहा)। टीबी बीमारी के मरीजों की संख्या बीते कुछ माह में बढ़ी है। स्थानीय पीएचसी में बीते जनवरी में इस रोग से ग्रस्त 10 मरीज आए थे। जिसमें नौ रोगी नए थे। फरवरी में नौ में नौ नए, मार्च में 10 में नौ रोगी नए मिले हैं। अप्रैल में 10 में सात, मई में 17 में 15 नए व जून में दो नए मरीज अबतक सामने आए हैं। पीएचसी के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में 58 रोगियों का इलाज चल रहा है। जिसमें 52 रोगी नए हैं। कर्मी नसीम अहमद का कहना है कि अधिकतर फेफड़ा के रोगी इसमें शामिल हैं। बाकी अन्य तरह के टीबी के मरीज हैं। बताते हैं कि रोगियों का इलाज छह से आठ माह तक चलता है। जिसकी दवा पीएचसी में उपलब्ध है। कुछ पुराने मरीज होते हैं। जिनके इलाज में अधिक समय लगता है। स्थानीय स्तर पर अभी तक सैकड़ों मरीज इस रोग को मात देकर स्वस्थ जिदगी गुजार रहे हैं। जीविका की तरफ से चलाया गया था जागरूकता कार्यक्रम


स्थानीय जीविका कार्यालय के सूत्रों की माने तो, टीबी रोगियों को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया था। ऐसी योजनाओं पर आगे भी काम चलता रहेगा। टीबी रोगियों के लिए अलग से प्रशिक्षण व अन्य तरह की कोई व्यवस्था नहीं है। पर, कुछ रोगी हैं। जिनके घर परिवार से कोई ना कोई सदस्य जीविका से जुड़ा हुआ है। जिनको योजना का लाभ प्राप्त होता है। मुर्गी पालन, मत्स्यपालन, पशुपालन जैसी योजनाएं पहले से हीं संचालित हो रहीं हैं। केवल टीबी रोगियों के लिए किसी तरह की योजना अलग से आती है तो, उस पर प्राथमिकता के आधार पर काम होगा। चैंपियनों का ग्रुप बनाने संबंधी निर्देश अभी स्थानीय स्तर पर प्राप्त नहीं है। बभनौली गांव के समसुल अंसारी टीबी को मात दे चुके हैं। स्वस्थ जिदगी गुजार रहे हैं। कहते हैं कि अभी तक अलग से सरकार के तरफ से कोई योजना का पता नहीं है। दवा इलाज निशुल्क किया गया था। बिलासपुर के सुमन महतो का भी कुछ ऐसा हीं कहना है। जो इस रोग को हरा चुके हैं। बयान : जीविका के तरफ से नीचले वर्ग के उत्थान के लिए लगातार काम चल रहा है। इसका फायदा भी दिख रहा है। मुर्गी पालन, मत्स्यपालन, पशुपालन जैसी योजनाओं से समूह की कई महिलाएं जुड़ी हैं। टीबी रोगियों के स्वजन भी इसमें शामिल हैं। इन रोगियों के लिए कोई योजना आती है तो, इसका लाभ उनको अवश्य दिया जाएगा।
रत्नाप्रिया, प्रखंड परियोजना प्रबंधक जीविका

अन्य समाचार