सारण में अब 45 की जगह 90 फीसद मिलेगा अनुदान

सारण। सरकार द्वारा सिचाई के क्षेत्र में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृषि उद्यान विभाग के माध्यम से हर खेत तक सिचाई का पानी के तहत सूक्ष्म सिचाई योजना को संचालित किया जा रहा है। उसके तहत अनुदानित दर पर किसानों को स्प्रिंकलर सिचाई यंत्र मुहैया कराया जाएगा। 45 फीसद अनुदान से शुरू हुई योजना पर अब 90 फीसद अनुदान मिलेगा। इस बीच डीएम ने सूक्ष्म सिचाई रथ को जिले के सभी प्रखंडों एवं गांव के किसानों को आधुनिक सिचाई सिस्टम का उपयोग कर कम पानी का खर्च कर बेहतर तरीके से खेतों की सिचाई करने के बारें में जागरूक करने का निर्देश दिया, ताकि किसान कम लागत खर्च में अपने फसलों की सिचाई कर बेहतर पैदावार हासिल कर सके।


जानकारी के अनुसार सरकार करीब 90 फीसद अनुदान पर किसानों को स्पिकलर एवं ड्रिप सिचाई यंत्र मुहैया कराया जाएगा। उसकी वारंटी करीब तीन सालों की होगी। इस यंत्र के माध्यम से किसान अपने फसलों को बारिश की बूंदों की तरह खेतों की सिचाई कर सकेंगे। उससे पानी की कम खपत होगी और पैदावार भी बेहतर होगा। इससे किसानों की आय में वृद्धि हो सकेगी।
उद्यान विभाग के माध्यम से संचालित स्प्रिंकलर सिस्टम से सिचाई योजना को राष्ट्रीय सूक्ष्म सिचाई योजना के नाम से जाना जाता था। अब यह योजना प्रधानमंत्री सूक्ष्म सिचाई योजना के नाम से संचालित है। नाम के साथ-साथ योजना का पैमाना भी बदल दिया गया है। वर्ष 2014 में इस योजना के तहत किसानों को 45 फीसद अनुदान देने का प्रावधान था तो किसान का रूझान नहीं हुआ, वर्ष 2017 में अनुदान राशि को बढ़ाकर 75 फीसद कर दिया गया। फिर भी किसानों पर इसका असर नहीं दिखा। जिस पर विभागीय समीक्षा के बाद अब इस योजना पर अनुदान राशि 90 फीसद कर दिया गया है। जिसके तहत चार प्रकार से योजनाएं संचालित है। क्या है स्पिकलर यंत्र से सिचाई सिस्टम
हर खेत तक सिचाई का पानी के तहत पीएम सुक्ष्म सिचाई योजना के तहत खेतों में पाइप बिछाकर स्प्रिंकलर सेट के साथ नोजल लगा दिया जाता है। उसके जरिये करीब 20-20 फीट के एरिया में बारिश की तरह फव्वारा से आवश्यकतानुसार खेतों की सिचाई की जाती है। इससे करीब 30 फीसद पानी की बचत की जा सकती है। इस प्रकार की सिचाई से पारंपरिक तरीके से खेतों की सिचाई की तुलना में करीब 25 फीसद तक पैदावार में वृद्धि हो सकेगा। ड्रीप सिचाई के माध्यम कृषि योग्य भूमि में जमीन के अंदर पाइप लाइन बिछाकर फसलों की सिचाई किया जाता है। इस योजना का लाभ सभी श्रेणी के किसान ले सकेंगे। उससे पारंपरिक तरीके से सिचाई पद्धति की तुलना में करीब 25 से 30 फीसद तक पानी का बचत किया जा सकता है। कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर होगा आवेदन
स्प्रिंकलर सिस्टम लगाने वाले इच्छुक किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। जानकारी के अनुसाद कृषि विभाग के अधिकारी डीबीटी पोर्टल पर योजना का लाभ लेने को लेकर किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। यंत्र लगाने के लिए किसान अपने इच्छानुसार कंपनी का भी चयन कर सकेंगे। ऑनलाइन आवेदन के उपर किसानों को रेफरेंस नंबर मोबाइल पर प्राप्त होगा। इस योजना के तहत यंत्र को लगाने पर किसानों को जीएसटी से मुक्त कर दिया गया है।

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