अब मिट्टी के नमूने की होगी बारकोडिग, किसानों की पूरी हिस्ट्री होगी अपडेट

जागरण संवाददाता, सुपौल: मिट्टी जांच से न सिर्फ मिट्टी की सेहत का सही सही पता चल पाता है बल्कि उत्पादन पर भी इसका अनुकूल प्रभाव पड़ता है। इसे सही तरीके से अमल में लाने के लिए विभाग ने मिट्टी जांच की प्रक्रिया में बदलाव किया है । अब मिट्टी नमूने की बारकोडिग की जाएगी। जिले में इसका प्रयोग इसी वित्तीय वर्ष से शुरू कर दिया जाएगा। सहायक निदेशक रसायन शिवेश कुमार ने बताया कि सोमवार से इकट्ठा नमूनों की बारकोडिग शुरू कर दी जाएगी ।इस व्यवस्था के शुरू हो जाने से अब जिले से लेकर राज्य मुख्यालय तक के अधिकारी इस पर नजर रख सकेंगे।


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पहले मुख्यालय के अधिकारियों को नहीं मिल पाती थी जानकारी
इससे पहले जांच को लेकर जो नमूने इकट्ठे किए जाते थे इसकी जानकारी मुख्यालय स्तर के अधिकारियों को नहीं मिल पाती थी। जिससे जमीनी स्तर पर और समय सीमा के अंदर मिट्टी का सैंपल कर्मियों द्वारा किया जा रहा है या नहीं इसकी मॉनिटरिग नहीं हो पाती थी । अब जब नमूने की बारकोडिग होगी तो इसकी मॉनिटरिग आसान हो जाएगी। लेकिन बारकोड व्यवस्था के लागू हो जाने से अब मुख्यालय को भी यह पता चलेगा कि किस किसान के खेत से मिट्टी का नमूना लिया गया है। इससे पहले किस प्रखंड से कितनी मात्रा में और कब मिट्टी के नमूने प्रयोगशाला में लाए गए इसकी जानकारी मुख्यालय को नहीं मिल पाती थी । बारकोड लागू होते ही किस दिन कहां-कहां से और कितनी मात्रा में सैंपल लैब तक पहुंचा इसकी जानकारी सभी स्तर के अधिकारी को मिलेगी।
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गतिविधियों पर रखी जा सकेगी नजर
बारकोड की व्यवस्था लागू हो जाने से दो प्रकार की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी। एक तो यह पता चल पाएगा कि सैंपल लिया गया या नहीं और दूसरा कि अभी जांच की क्या स्थिति है। सभी स्तर के अधिकारी सैंपल की जानकारी के साथ-साथ किसान का भी पूरा विवरण उन्हें मिलेगा।
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बोले सहायक निदेशक
सहायक निदेशक रसायन ने बताया कि जिला मुख्यालय में आधुनिक तकनीक से लैस मिट्टी जांच लैब है। पहले मानव बल द्वारा नमूना संग्रह मैं कई त्रुटियां रह जाती थी। अब बारकोड जेनरेट होते ही मिट्टी की गुणवत्ता के साथ-साथ किसानों की पूरी हिस्ट्री अपडेट होगी।
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जिले में 12000 मिट्टी नमूने की जांच का है लक्ष
सरकार के निर्देश पर प्रत्येक प्रखंड के 5 -5 राजस्व गांव के मिट्टी सैंपल की जांच किए जाने का लक्ष्य है। जिले में 11 प्रखंड के 55 राजस्व गांव के किसानों के खेतों की मिट्टी की जांच की जानी है। वित्तीय वर्ष 22-23 मे जिले में 12500 नमूने लिए जाने हैं। जिसके तहत करीब 50000 किसानों के बीच स्वायल हेल्थ कार्ड का वितरण किया जाना है।

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