इस बार किसानों को नहीं होगी खाद की किल्लत

- 3000 एमटी उर्वरक फिलहाल स्टाक में

- जुलाई, अगस्त और सितंबर में होती है सर्वाधिक आवश्यकता
- आवश्यकता के अनुसार किया जा रहा है आवंटन
संवाद सहयोगी, जमुई : जिले के किसानों के लिए अच्छी खबर है। इस खरीफ सीजन खाद के लिए मारामारी नहीं करनी होगी। इसके लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। आवश्यकता के अनुसार खाद का आवंटन किया जा रहा है। वैसे सर्वाधिक आवश्यकता जुलाई, अगस्त और सितंबर माह में होती है। उक्त महीनों में भी यह निरंतरता बनी रहेगी, इस बात को लेकर अधिकारी आश्वस्त नजर आ रहे हैं। मुंगेर, जमुई और लखीसराय इफको के क्षेत्रीय प्रबंधक विनय कुमार ने बताया कि अभी तक आवश्यकता के अनुरूप आवंटन मिल रहा है। आगे भी पीक सीजन में पर्याप्त आवंटन मिलना तय हो गया है। लिहाजा इस बार जिले में खाद की किल्लत नहीं होगी। उन्होंने बताया कि दानेदार खाद के अलावा नैनो यूरिया की भी बड़ी मात्रा में आपूर्ति होगी। इसका भी किसानों को लाभ मिलेगा और खाद की किल्लत उत्पन्न होने से रोकने में कारगर सिद्ध होगा। जिला कृषि पदाधिकारी अविनाश चंद्र ने भी कहा है कि जिले में खाद की आवश्यकता मुख्यालय को भेज दी गई है। लगातार मानिटरिग की जा रही है। साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि आवश्यकता के अनुरूप समय से पूर्व आवंटन मिल जाएगा।

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30,000 एमटी उर्वरक की होगी आवश्यकता
कृषि विभाग ने मुख्यालय को खरीफ सीजन में उर्वरक की आवश्यकता का आकलन प्रेषित कर दिया है। इसके मुताबिक जिले में कुल 30 हजार मैट्रिक टन उर्वरक की आवश्यकता होगी। इसमें सर्वाधिक 19,000 एमटी यूरिया तथा 5000 एमटी डीएपी है। फिलहाल उपलब्धता की बात करें तो आवश्यकता का महज 10 फीसद ही स्टाक में उपलब्ध है। लेकिन बीते तीन माह की आवश्यकता के अनुसार यह स्टाक 111 फीसद है। अप्रैल, मई और जून माह की आवश्यकता की बात करें तो कुल 2339 एमटी उर्वरक का डिमांड के विरुद्ध 2603 एमटी उर्वरक की आपूर्ति की गई है। यहां बता दें कि उर्वरक की सर्वाधिक खपत जिले में धान की खेती में होती है। यहां इस वर्ष धान की खेती का लक्ष्य 63000 हेक्टेयर निर्धारित किया गया है।
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पिछले साल खूब हुई थी किल्लत
बीते खरीफ और रबी सीजन में उर्वरक की खूब किल्लत हुई थी। खासकर यूरिया और डीएपी के मामले में तो किसानों को नाकों चने चबाने के बाद भी उपलब्धता सुनिश्चित नहीं हो पाई थी। नतीजतन खेती के साथ उपज भी प्रभावित हुई। इस बात को लेकर किसानों के बीच कृषि विभाग, जिला प्रशासन तथा सरकार के प्रति अच्छी खासी नाराजगी कायम हो गई। जगह जगह खाद के लिए किसानों को सड़क पर उतरना पड़ा। दुकानों में आधी रात से ही किसानों की लंबी कतार लग रही थी। वैसे इस बार भी अधिकारियों का दावा हकीकत में तब्दील होता है या नहीं, यह तो आने वाला वक्त बताएगा। दावे के बाद भी किसान सशंकित हैं।
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उर्वरक की आवश्यकता और उपलब्धता का आंकड़ा (एमटी में) उर्वरक आवश्यकता उपलब्धता यूरिया - 19000 - 2440 डीएपी - 5000 - 590 एनपीके - 3200 - 100 एमओपी -1400 - 0 एसएसपी -1800 - 0

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