संतुलित उर्वरक का इस्तेमाल स्वास्थ्य व मिट्टी के लिए लाभप्रद

संवाद सूत्र, राघोपुर (सुपौल) : प्रखंड क्षेत्र स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में आजादी के अमृत महोत्सव अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर संतुलित उर्वरक का उपयोग एवं क्षेत्र विशिष्ट कृषि वानिकी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन मंगलवार को किसान सभा भवन में किया गया। इस कार्यक्रम में केंद्र के वरीय विज्ञानी सह प्रधान ई. प्रमोद कुमार चौधरी ने इस अवसर पर आए हुए एनडीआरएफ के जवानों अधिकारियों एवं ट्रेनिग ले रहे छात्राओं, कृषकों को संबोधित करते हुए कहा कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए हमें आगे आना चाहिए। पर्यावरण सुरक्षित रहेगा तो हम सुरक्षित रहेंगे। धरती का मृदा स्वस्थ रहेगा। आजकल लोगों में असंतुलित उर्वरक का इस्तेमाल कर अधिक उपज प्राप्त करने की होड़ सी लग गई है जो स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है एवं पर्यावरण के लिए भी। लोगों को हमेशा संतुलित उर्वरक का इस्तेमाल कर खेती करनी चाहिए। आज गिद्ध की प्रजाति समाप्त हो गई है। इसका कारण असंतुलित मात्रा में पशुओं को दवा देना है जिससे पशुओं के मर जाने पर गिद्ध के द्वारा खाने पर उसके शरीर में जहर फैल जाना है। डा. मनोज कुमार ने कहा कि कम से कम रासायनिक खाद का उपयोग किसान भाइयों को करना चाहिए। जैविक खाद से खेती कर अधिक से अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं। किसान भाइयों को हरी खाद के माध्यम से अधिक से अधिक उपज प्राप्त करने का गुर सिखाया गया। कहा कि धान हमारे राज्य की मुख्य फसल है। धान में रोग एवं कीट से काफी नुकसान होता है। इसकी रोकथाम के लिए हमेशा किसानों को ध्यान रखना होगा। पौधों की रोपाई समय से करें। प्रतापगंज के प्रगतिशील किसान सियाराम यादव ने कहा कि विज्ञानी की सलाह से ही किसान खेती करें। कार्यक्रम में बलराम मेहता, पवन वर्मा, बालेश्वर सिंह, लक्ष्मण सिंह, जयप्रकाश रजक, अजय कुमार सहित छात्र एवं किसान मौजूद थे।

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