बेलदौर पीएचसी में नजराना नहीं देने पर मरीजों और उनके स्वजनों से होती है बदसलूकी

संवाद सूत्र, बेलदौर (खगड़िया) : बेलदौर पीएचसी में कई स्वास्थ्य कर्मी वर्षों से जमे हुए हैं। ऐसे कर्मियों के मनमानेपन से मरीज परेशान रहते हैं। विभागीय अधिकारी मौन बने हुए हैं। जिससे आक्रोश पनपते जा रहा है। जानकारी के मुताबिक पीएचसी के परिवार कल्याण कार्यकर्ता अंतेश कुमार 10 वर्षों से यहां जमे हुए हैं। इनका मुख्य कार्य दवाई को सुरक्षित भंडारण करने का है। कालाजार सुपरवाइजर राजेश कुमार पांच वर्षों से पीएचसी में पदस्थापित हैं। जबकि बीसीएम मंजीत प्रसाद चार वर्षों से बेलदौर पीएचसी में जमे हुए हैं। मरीजों के मुताबिक ये दोनों कर्मी अपने मूल कार्य पर ध्यान न देकर पीएचसी पहुंचने वाले इमरजेंसी मरीजों का इलाज भी करते हैं। मरीजों के जख्म प्रतिवेदन बनवाने के नाम पर बिचौलिया की भूमिका निभाते हैं। मरीजों एवं उनके स्वजनों से नजराना नहीं देने पर बदसलूकी करना आम बात हो गई है। बुधवार को भी कालाजार छिड़काव को छोड़कर कालाजार सुपरवाइजर राजेश कुमार इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे। मरीज के बेंडेज पट्टी करते नजर आए। जब उनसे कुछेक व्यक्ति ने इसको लेकर सवाल किए, तो वे बदसलूकी पर उतर आए। बेलदौर पीएचसी के बीएचएम मंजीत प्रसाद द्वारा भी मरीजों एवं आशा के साथ बदसलूकी करना आम बात हो गई है। आशा से उगाही, बदसलूकी करने का आरोप बार-बार लगने के बाद भी बीसीएम पर कार्रवाई नहीं हुई है।


पीएचसी प्रभारी डा. मुकेश कुमार ने बताया कि वे क्षेत्र में थे। मामले की जानकारी मिलने के बाद कर्मियों को फटकार लगाई गई है। बदसलूकी मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। वर्षों से जमे कर्मियों का तबादला वरीय पदाधिकारी ही कर सकते हैं।

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