मुखियाजी को पंचायत में चार बार करनी होगी ग्रामसभा

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। बिहार पंचायती राज अधिनियम के तहत गांव को सामाजिक न्याय के साथ समेकित विकास के लिए ग्रामसभा आयोजित करने का प्रावधान किया गया है। इसकी अध्यक्षता ग्राम पंचायत के मुखिया करेंगे। पंचायती राज विभाग ने सभी मुखिया को कम से कम प्रत्येक तीन माह पर एक बार ग्रामसभा का आयोजन करने का निर्देश दिया है। यानि एक वर्ष में उन्हें चार बार ग्राम सभा का आयोजन करना पड़ेगा।

इस संबंध में जिला पंचायती राज पदाधिकारी राजकुमार ने बताया कि पंचायतों के मुखिया कभी भी ग्रामसभा का आयोजन कर सकते हैं लेकिन कम से कम चार बार ग्रामसभा आयोजित करना अनिवार्य है। मुखिया के नहीं रहने पर संबंधित ग्राम पंचायत के उप मुखिया सभा की अध्यक्षता करेंगे। उन्होंने बताया कि सभी नव निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देने के लिए रोस्टर तैयार किया गया है। सभी प्रखंडों में मास्टर ट्रेनर को पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देने का जिम्मा दिया गया है। प्रत्येक प्रखंड के पांच कर्मियों को बनाया गया मास्टर ट्रेनर

जिले में 246 पंचायतों में नवनिर्वाचित मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य एवं पंच को प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे गांव के विकास के लिए सामाजिक न्याय के अनुसार योजनाओं का चयन कर सकें। इसको लेकर प्रखंड स्तर पर पंचायत एवं वार्ड स्तर के जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देने के लिए रोस्टर तैयार किया गया है। जिसके अनुसार नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए हर ‌र्प्रखंड में पांच मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए हैं। इसमें प्रखंड कार्यपालक सहायक, पंचायत कार्यपालक सहायक, लेखापाल सह आइटी सहायक शामिल हैं। उन्हें पटना से वेबकास्टिग के माध्यम से दो दिवसीय प्रशिक्षण देकर मास्टर ट्रेनर बनाया गया है। जानकारी के अनुसार पंचायती राज विभाग ने जनप्रतिनिधियों के कार्यकलाप को सही तरीके से संपादित करने को लेकर पांच तरह का किताब प्रखंड कार्यालय में भेजा है। जिसके आलोक में प्रशिक्षण दिया जाएगा और उन्हें किताब भी दिया जाएगा। ग्रामसभा के दौरान ट्रेनर देंगे योजना संबंधी जानकारी
नवनिर्वाचित पंचायत जनप्रतिनिधियों को योजनाओं के संबंध में जानकारी प्रदान की जाएगी। मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण के दौरान बिहार पंचायती राज अधिनियम अंतर्गत सामाजिक न्याय के साथ योजनाओं का चयन, ग्राम सभा, वार्ड सभा, पंचायत की समस्याओं के निवारण, ग्राम सभा की अवधि, वार्ड सभा की अवधि, ग्राम पंचायत सभा एवं अवधि, सभा का आयोजन स्थल, ग्राम पंचायत स्थायी समिति का गठन, मुखिया पर अविश्वास प्रस्ताव, त्याग पत्र समेत अन्य प्रकार की जानकारी जनप्रतिनिधियों को देंगे। साथ ही ग्राम पंचायत का लेखा संधारण का प्रशिक्षण लेखापाल सह आइटी सहायक और योजनाओं की तकनीकी जानकारी तकनीकी सहायक द्वारा दी जाएगी। ग्राम पंचायत सभा में 40 प्रतिशत सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य
ग्राम सभा में पंचायत का पांच फीसद व वार्ड सभा में 10 प्रतिशत मतदाता की उपस्थित अनिवार्य है। जबकि ग्राम पंचायत सभा में 40 फीसद उपस्थित जरूरी है। अगर ग्राम सभा के आयोजित समय पर निर्धारित संख्या में वोटर नहीं पहुंचते है या कोरम पुरा नहीं होता है तो, ग्राम सभा का मुखिया व वार्ड सभा का वार्ड सदस्य सह अध्यक्ष एक घंटा तक इंतजार करने के बाद सभा को रद्द कर सकेंगे। अगर सभा रद्द कर दिया जाता है तो अगले सप्ताह पुन: ग्राम सभा एवं पंचायत सभा को आयोजित किया जाएगा।

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