वर्षों से लटका है ताला, भवन बना भूत बंगला

संसू, सत्तरकटैया (सहरसा) : नौनिहाल बच्चों को समुचित सुविधा उपलब्ध कराने एवं कुपोषित मुक्त समाज निर्माण के उद्देश्य से प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किया गया। भवनविहीन संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों को पर्याप्त सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रखंड के कुछ पंचायतों में भवन निर्माण कराया गया। मगर, सरकारी राशि से बने आधे दर्जन आंगनबाड़ी केंद्र भवन में वर्षो से ताला लटका हुआ है। परिणाम स्वरूप यह भवन भूतबंगला बना हुआ है। आश्चर्य की बात तो यह है कि सरकारी राशि से निर्मित इस भवन से बाल-विकास परियोजना कार्यालय सत्तरकटैया अनभिज्ञ है। उन्हें नहीं पता कि किस विभाग द्वारा यह भवन बनाया गया है। जबकि प्रखंड के कई आंगनबाड़ी केन्द्र भाड़े के मकान में संचालित हो रही हैं।


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निर्मित भवन में आंगनबाड़ी केंद्र का नहीं हो रहा संचालन
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बारा पंचायत के वार्ड नंबर चार में संचालित भवनविहिन आंगनबाड़ी केंद्र को समुचित सुविधा उपलब्ध कराने एवं नौनिहालों की सुरक्षा के लिए आंगनबाड़ी केंद्र भवन का निर्माण किया गया। मगर, इस भवन में केंद्र संचालित नहीं हो रहा है। ग्रामीणों के अनुसार दस वर्ष पूर्व लगभग नौ लाख 82 हजार की राशि से निर्मित इस भवन में वर्षो से ताला लटका हुआ है। अब यह भवन भूतबंगला बना हुआ है। रखरखाव के कारण अब यह टूटने लगा है। पटोरी पंचायत के वार्ड नंबर 12, 14 एवं पांच में नौ वर्ष पूर्व लगभग सात लाख की राशि से आंगनबाड़ी केंद्र भवन का निर्माण कराया गया था। इन भवनों में कोई केंद्र संचालित नहीं हो रहा है, लेकिन यह भवन उचक्कों एवं पियक्कड़ों का शरण स्थली जरूर बन गया है।
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भाड़े के मकान में चलता है केंद्र
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विभागीय आंकड़ों के अनुसार, प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में संचालित 185 आंगनबाड़ी केंद्र में मात्र 36 केंद्र को भवन उपलब्ध है जबकि 149 केंद्र भवन विहीन हैं जो भाड़े के मकान में संचालित हो रहे हैं। आश्चर्य की बात तो यही है कि विभिन्न पंचायतों में सरकारी राशि से बने आधा दर्जन आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन में ताला लटका हुआ है, मगर भाड़े के मकान में केंद्र संचालित हो रहा है।
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पंचायतों में सरकारी राशि से निर्मित इस भवन की जानकारी कार्यालय को नहीं है। न ही हस्तगत कराया गया है। इस कारण उक्त भवन में केंद्र संचालित नहीं किया जा रहा है।
भारती झा, सीडीपीओ, सत्तरकटैया।

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