प्रसव संबंधी जटिलता से बचाव का महत्वपूर्ण साधन है संस्थागत प्रसव

संवाद सहयोगी, किशनगंज : संस्थागत प्रसव मातृ-शिशु मृत्यु दर के मामलों में कमी लाने का महत्वपूर्ण साधन है। घरेलू प्रसव की तुलना में संस्थागत प्रसव द्वारा जच्चा-बच्चा का बेहतर देखभाल संभव है। बीते कुछ सालों में जिले के सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं के विकास के कारण संस्थागत प्रसव के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। एनएफएचएस-05 की रिपोर्ट के मुताबिक जिले में प्रसव संबंधी 54.6 फीसदी मामलों का निष्पादन सरकारी चिकित्सा संस्थानों किया जा रहा है। यह जानकारी शनिवार को सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर ने दी।

उन्होंने बताया कि अप्रैल से लेकर मई माह तक जिले के सभी सरकारी चिकित्सा संस्थानों में कुल 3384 सुरक्षित प्रसव कराए गए। लक्ष्य प्रमाणीकरण हासिल होने के बाद प्रसव संबंधी सेवाओं के लिए सदर अस्पताल के प्रति लोगों का भरोसा बढ़ा है। सदर अस्पताल, सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव सेवा संचालित है। साथ ही कोचाधामन के अलता एवं हल्दीखोरा , पोठिया प्रखंड के तारणी, किशनगंज के महीनगावं, ठाकुरगंज के पौआखाली अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा किशनगंज के मशेश्बथना हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में भी सुरक्षित प्रसव की सुविधा उपलब्ध है। बहादुरगंज, पोठिया, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में नए सिरे से लक्ष्य प्रमाणीकरण के अनुरूप तैयार करने की प्रक्रिया जारी है। अस्पताल में आने के बाद माताएं खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करती हैं। विशेष परिस्थितियों में जच्चा व बच्चा की सेहत का समुचित ध्यान रखना आसान होता है। अस्पताल में प्रसव के बाद शहरी इलाके की प्रसूति को 1000 रुपये व ग्रामीण इलाके की प्रसूति को 1400 रुपये आर्थिक सहायता प्रदान किया जाता है। संस्थागत प्रसव से बच्चों के जन्म प्रमाणपत्र बनाने संबंधी जटिलता भी खत्म हो जाती हैं। इतना ही नहीं अस्पताल में सामान्य व सिजेरियन को जरूरी दवा भी नि:शुल्क उपलब्ध करायी जाती है। सदर अस्पताल के लेबर विभाग में कार्यरत जीएनएम शिप्रा सिन्हा ने बताया कि जिले में एमसीएच बिल्डिग की स्थापना के साथ ही पहली बार ट्राइज रूम की स्थापना की गई। ट्राइज रूम में ही गर्भवतियों का बीपी, तापमान, एलएमपी, इडीडी और अल्ट्रासाउंड की स्थिति देखी जाती है। इसके बाद जिनका प्रसव समय नजदीक आता है। उन्हें प्री डिलीवरी रूम में शिफ्ट कर दिया जाता है। वहां से जरूरत के अनुसार लेबर रूम में ले लिया जाता है। मेटरनिटी ओटी इंचार्ज ज्योति कुमारी ने बताया कि इस एमसीएच के लेबर विग में दो तरह के ओटी माइनर और मेजर हैं। मेजर में सिजेरियन की सुविधा उपलब्ध है। जबकि माइनर में परिवार नियोजन और गर्भपात संबंधित छोटे आपरेशन होते हैं। यहां तीनों शिफ्ट में डॉक्टर तथा नर्स की डयूटी रहती है।

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